ISRO का नया मिशन: चंद्रयान-5 और गगनयान की ऐतिहासिक घोषणाएं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने नए मिशनों का ऐलान करते हुए चंद्रयान-5 और गगनयान की जानकारी साझा की है। ISRO ने बताया कि चंद्रयान-5 पर भारत जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ मिलकर काम करेगा। हालाँकि, इस मिशन की लॉन्चिंग की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि यह 2028 के बाद शुरू होगा। वहीं, गगनयान मिशन को 2026 में स्पेस में भेजने का लक्ष्य रखा गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा।
गगनयान मिशन का महत्व
ISRO के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने दिल्ली में सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर के दौरान जानकारी दी कि भारत अपने global space economy में योगदान को अगले 10 साल में 10% तक बढ़ाना चाहता है, जो वर्तमान में लगभग 2% है। उन्होंने गगनयान मिशन के बारे में बताया कि यह 2026 में लॉन्च होगा, और यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, चंद्रयान-4 को 2028 में लॉन्च करने की योजना है, जबकि भारत और अमेरिका के संयुक्त मिशन NISAR के अगले साल पूरा होने की उम्मीद है।
चंद्रयान-5 का लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट
चंद्रयान-5 मिशन के तहत, ISRO जापान के साथ लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट (LUPEX) पर काम कर रहा है। इस मिशन में भारत लैंडर प्रदान करेगा, जबकि जापान 350 किलोग्राम का भारी रोवर देगा, जो चंद्रयान-3 के 27 किलोग्राम रोवर की तुलना में काफी बड़ा होगा। इस मिशन का उद्देश्य भविष्य में चाँद पर मानव की लैंडिंग के लिए रास्ता तैयार करना है। भारत ने 2040 तक चाँद पर इंसान भेजने का टारगेट रखा है, जिससे वह अंतरिक्ष की खोज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें” भारत और जर्मनी के बीच नया समझौता
चंद्रयान-3 की सफलता
ISRO के चंद्रयान-3 मिशन ने चाँद पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करके भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई पहचान दिलाई है। इस मिशन से चाँद की सतह पर कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं, जैसे कि चाँद पर पानी के अंशों की मौजूदगी, जो पहले चंद्रयान-1 से भी पता चली थी।
अन्य मिशनों का महत्व
ISRO के अन्य मिशन, जैसे आदित्य-एल1 और एक्सपोसैट, भी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में प्रगति को दर्शाते हैं। आदित्य-एल1 का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है, जबकि एक्सपोसैट से अंतरिक्ष में गतिविधियों की नई जानकारी मिलने की उम्मीद है। ISRO के चेयरमैन ने कहा कि भारत के ये मिशन न केवल देश के लिए, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए भी लाभकारी साबित होंगे।
भविष्य की योजनाएं
इस प्रकार, ISRO का ये नया मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।