भारत-जर्मनी के बीच कुशल श्रमिकों के लिए वीज़ा संख्या में बढ़ोतरी, 20,000 से 90,000 तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ से मुलाकात की और बताया कि जर्मनी ने कुशल भारतीय कामगारों के लिए वीज़ा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करने का निर्णय लिया है। शोल्ज़ तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं।
Asia-Pacific Conference में मोदी का बयान: भारत और जर्मनी बन सकते हैं वैश्विक शक्ति
मोदी ने Asia-Pacific Conference of German Businesses में कहा, “भारत और जर्मनी की साझेदारी विश्व के लिए एक सकारात्मक शक्ति बन सकती है। Germany’s Focus on India दस्तावेज़ इस दिशा में एक ब्लूप्रिंट प्रदान करता है। जर्मनी ने भारतीय कुशल श्रमिकों पर भरोसा दिखाते हुए वीज़ा में वृद्धि की है, जो जर्मनी की आर्थिक प्रगति को और बढ़ावा देगा।”
द्विपक्षीय वार्ता में रूस-यूक्रेन और पश्चिम एशिया के संघर्ष पर चर्चा
इसके बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता में रूस-यूक्रेन और पश्चिम एशिया के संघर्ष पर भी चर्चा की। भारत और जर्मनी ने mutual legal assistance, classified information के आदान-प्रदान और green hydrogen roadmap पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
शोल्ज़ की अपील: पश्चिम एशिया में संघर्ष को समाप्त करने के लिए राजनीति आवश्यक
पश्चिम एशिया के संघर्ष पर, शोल्ज़ ने कहा कि हमें हिंसा में वृद्धि को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ceasefire और शांति स्थापित करने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया की आवश्यकता है।
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Indo-Pacific में चीन की आक्रामकता पर भारत-जर्मनी का सामूहिक दृष्टिकोण
Indo-Pacific में चीन की आक्रामकता पर उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था का सम्मान होना चाहिए, और समुद्री व्यापार की स्वतंत्रता को सभी जगह मान्यता मिलनी चाहिए।
भारत-जर्मनी रक्षा सहयोग: गहरा आपसी विश्वास और आतंकवाद से निपटने की रणनीतियां
मोदी ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भारत-जर्मनी के बढ़ते सहयोग पर जोर दिया, इसे “गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि classified information के आदान-प्रदान पर समझौता और Mutual Legal Assistance Treaty आतंकवाद और अलगाववादी तत्वों से निपटने में मदद करेगा।
मोदी की टिप्पणी: भारत-जर्मनी संबंध एक transformative partnership हैं
मोदी ने भारत-जर्मनी संबंधों को एक transformative partnership कहा और कहा कि Indo-Pacific क्षेत्र में rule of law और navigation की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत-जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत सहारा बनकर उभरी है।
आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर: कृषि, तकनीकी और हरित ऊर्जा में सहयोग
वार्ता के बाद आठ समझौते किए गए, जिनमें criminal matters में mutual legal assistance treaty, classified information के आदान-प्रदान पर समझौता, Indo-German green hydrogen roadmap, innovation और technology पर roadmap, और skill development जैसे क्षेत्रों में समझौते शामिल हैं।
‘Focus on India’ रणनीति: साझेदारी को मजबूत करने के नए कदम
मोदी ने जर्मनी द्वारा घोषित ‘Focus on India’ strategy का स्वागत करते हुए कहा कि हम अपनी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए कई नए कदम उठा रहे हैं।
शोल्ज़ की प्राथमिकता: India-EU Free Trade Agreement का शीघ्र निष्पादन
शोल्ज़ ने भी रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया और India-EU Free Trade Agreement को तेजी से संपन्न करने की वकालत की।