मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के लगभग 10 महीने बाद, जीतू पटवारी ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कई करीबी सहयोगियों को शामिल किया गया है, जबकि कमलनाथ के बेटे को इस टीम में जगह नहीं मिली। हालांकि, पार्टी के सीनियर नेताओं को कार्यकारी सदस्य बनाया गया है। जीतू पटवारी ने अपनी टीम में कुल 177 नेताओं को शामिल किया है, जिनमें से 21 महिलाएं हैं।
सीनियर नेताओं का योगदान
जीतू पटवारी ने अपनी टीम में कई सीनियर नेताओं जैसे कि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव और विवेक तन्खा को कार्यकारी सदस्यों के रूप में शामिल किया है। टीम में 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 16 कार्यकारिणी सदस्य, 33 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति की गई है। जीतू पटवारी ने यह टीम दिल्ली से घोषित की है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति मिलने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि पटवारी अपनी टीम का ऐलान कर सकते हैं।
जयवर्धन सिंह को उपाध्यक्ष का पद
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में 17 उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को मध्य प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस टीम में दो महिला नेता हिना कांवरे और झूमा सोलंकी को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। जयवर्धन सिंह वर्तमान में राघौगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं और कमलनाथ की सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि उपाध्यक्षों में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को शामिल नहीं किया गया है।
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दिग्विजय सिंह का प्रभाव
जीतू पटवारी की नई टीम में दिग्विजय सिंह का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है। 17 उपाध्यक्षों में से कई दिग्विजय सिंह के करीबी हैं। इनमें जयवर्धन सिंह के अलावा प्रियव्रत सिंह, फूल सिंह बरैया और आरिफ मसूद जैसे नेता शामिल हैं। इसके साथ ही, अरुण यादव के भाई सचिन यादव को भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल हनी को भी उपाध्यक्ष का पद दिया गया है।
सीनियर नेताओं के लिए विशेष कमेटी
जीतू पटवारी की टीम में 16 सीनियर नेताओं को एक्जिक्टिव कमेटी का सदस्य बनाया गया है। इस टीम में दिग्विजय और कमलनाथ के अलावा कांतिलाल भूरिया, उमंग सिंघार, अरुण यादव, गोविंद सिंह, विवेक तन्खा, अजय सिंह, राहुल भैया, मीनाक्षी नटराजन, कमलेश्वर पटेल, ओकार मरकाम और कुनाल चौधरी जैसे नेता शामिल हैं।
नई टीम के गठन से यह स्पष्ट होता है कि जीतू पटवारी ने पार्टी में दिग्विजय सिंह और उनके करीबी सहयोगियों को प्रमुखता दी है, जबकि कमलनाथ के बेटे को नजरअंदाज किया गया है। यह कदम पार्टी के आंतरिक समीकरणों को दर्शाता है और आने वाले चुनावों में पार्टी की रणनीति को प्रभावित कर सकता है। पटवारी की टीम का गठन मध्य प्रदेश कांग्रेस के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जब पार्टी चुनावी लड़ाई की तैयारी कर रही है।