एनसीईआरटी तोड़ेगा किताब छापने के रिकॉर्ड!
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी है कि इस वर्ष एनसीईआरटी तीन गुना ज्यादा किताबें प्रकाशित करेगा। एनसीईआरटी इस साल 15 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन करेगा। हाल ही में, एनसीईआरटी और अमेज़न के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराना है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि एनसीईआरटी 1963 से पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है, जिसने भारत के शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब तक लगभग 220 करोड़ किताबें और पत्रिकाएं प्रकाशित की जा चुकी हैं। एनसीईआरटी देश के लिए एक प्रमुख थिंक टैंक की भूमिका निभाता है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये किताबें देशभर के लगभग 20,000 पिन कोड पर उपलब्ध होंगी और ये अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर ही मिलेंगी। उन्होंने ‘अमृत काल’ में 300 मिलियन छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
ई-बुक्स पर जोर
मंत्री ने ई-बुक्स के विकास पर भी ध्यान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि ये पुस्तकें इंटरैक्टिव और एआई-संचालित होंगी, जिनमें बोलने वाली किताबें जैसे नवाचार शामिल होंगे। इस प्रयास से न केवल छात्रों की पढ़ाई में सुधार होगा, बल्कि उन्हें डिजिटल माध्यम से भी ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
ऑनलाइन मिलेंगी किताबें
सभी ग्रेड की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे छात्रों को आसानी से इन्हें एक्सेस करने में मदद मिलेगी। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत है, जिसमें तकनीक और ज्ञान का समन्वय किया जाएगा।
नई दिशा करेगा प्रदान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कदम शिक्षा में समग्र सुधार और छात्रों के लिए एक सशक्त भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। एनसीईआरटी की यह योजना निश्चित रूप से भारतीय शिक्षा प्रणाली में नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी।