सूरजमुखी की खेती से किसानों को मिल रहा लाभ
रबी, खरीफ और जायद तीनों सीज़न में सूरजमुखी (Sunflower) की खेती करने वाले किसान जबरदस्त मुनाफ़ा कमा रहे हैं। जो भी किसान सूरजमुखी की खेती (Sunflower Farming) करना चाहते हैं, वे इसे इन तीनों सीज़नों में आसानी से कर सकते हैं। एक खास बात यह है कि इसकी खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन अम्लीय और क्षारीय ज़मीन से बचना चाहिए। यदि आप फूलों की खेती करके अच्छा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं, तो सूरजमुखी की खेती (Sunflower Farming) आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इसे नकदी फसल के रूप में भी जाना जाता है।
भारत में सबसे पहले साल 1969 में सूरजमुखी की खेती उत्तराखंड के पंतनगर से शुरू हुई थी। यह तिलहन फसल के अंतर्गत आती है और इसे तीनों सीज़नों में उगाया जा सकता है। सूरजमुखी की प्रमुख किस्मों में केबीएसएस-1, बीएसएस-1, ज्वालामुखी, एमएसएफएच-19 और सूर्या शामिल हैं।
सूरजमुखी की खेती के लिए जरूरी टिप्स
- प्रकाश संवेदी फसल: यह फसल प्रकाश संवेदी होती है, जिससे इसकी खेती तीनों सीज़नों में संभव है।
- बीज बोने का सही समय: फरवरी के पहले सप्ताह में इसके बीज बोना सही माना जाता है। यदि जायद मौसम में बुवाई कर रहे हैं, तो पौधों को कतार में 4-5 सेमी और पौधों के बीच 25-30 सेमी की दूरी रखनी चाहिए।
- खेत की तैयारी: बीज बोने से पहले खेत की तैयारी करते समय सड़ी हुई गोबर खाद को मिट्टी में मिलाएं। इसके साथ-साथ यूरिया, पोटाश और नाइट्रोजन जैसे उर्वरकों का भी प्रयोग करें।
- सिंचाई की जरूरत: फरवरी में अगर सूरजमुखी की बुवाई की जाती है, तो फसल को तीन बार सिंचाई की जरूरत होगी।
- रोग प्रबंधन: इस फसल में जैसिड्स, एफिड्स, हेड बोरर और हरी सुंडी जैसे रोगों का प्रकोप अधिक रहता है। इनका प्रबंधन करना जरूरी है। तोते भी इस फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए इन्हें नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।
- फसल की कटाई: जब फूल का पिछला हिस्सा नींबू जैसे पीले रंग का हो जाए और फूल झड़ जाएं, तब फसल कटाई के लिए तैयार होती है। इस स्थिति में फसल को काट लेना चाहिए।
- पकने का समय: सूरजमुखी की फसल को तैयार होने में 90 से 105 दिन का समय लगता है। इसके बीजों और फूलों में कई गुण होते हैं, जो कई बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं। इसलिए इसकी बाजार में मांग भी अधिक है।
- तेल की डिमांड: सूरजमुखी के फूलों के साथ-साथ इसके तेल की भी काफी डिमांड है, क्योंकि यह सेहत के गुणों से भरपूर होता है।
इस प्रकार, सूरजमुखी की खेती करने से किसान न केवल अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं, बल्कि वे स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद भी बाजार में प्रदान कर सकते हैं।