हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को CBI को आरजी कर रेप-हत्या केस और अस्पताल की financial irregularities की जांच सौंपी थी। इसके बाद 2 सितंबर को CBI ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया। 3 सितंबर को घोष को अलीपुर जजेस कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे और तीन अन्य को 8 दिन की CBI custody में भेज दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद, 2 सितंबर को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करके संदीप घोष को सस्पेंड कर दिया। इससे पहले, 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी।
5 सितंबर को CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से जुड़े कमरों के renovation का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में मिला था।
सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं जो पुष्टि करते हैं कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को एक letter लिखकर State Public Works Department (PWD) को सेमिनार हॉल से जुड़े कमरे और टॉयलेट के renovation का निर्देश दिया था। इस letter पर घोष के साइन भी मौजूद हैं।Investigating officers का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट से यह स्पष्ट होता है कि घोष को renovation में जल्दी थी, जिससे यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में financial irregularities के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।
13 अगस्त की शाम को जब Calcutta High Court की डिविजन बेंच ने CBI को यह केस हैंडओवर किया, उसके कुछ ही घंटों बाद PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से जुड़े कमरों का renovation शुरू कर दिया। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के चलते renovation का काम वहीं रोकना पड़ा।
विरोध प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल की मेडिकल fraternity के सदस्यों का कहना है कि आरजी कर कॉलेज अकेला ऐसा कॉलेज नहीं था जहां रेप और मर्डर हो रहे हैं। उनका दावा है कि ट्रेनी डॉक्टर को इसलिए मारा गया क्योंकि उसे कॉलेज की financial irregularities के बारे में जानकारी मिल गई थी।