सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दूसरी तिमाही में पर्यटन से मुनाफा 12% बढ़ा और पर्यटकों की संख्या में 15% की वृद्धि हुई है। लेकिन वास्तविकता में, होटलों की बुकिंग घटकर केवल 60% रह गई है, जो पहले 95% होती थी।
तुर्की में बढ़ती महंगाई और विदेशी पर्यटकों की घटती संख्या से होटल उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। पर्यटकों की कमी की एक वजह यह है कि विदेशी पर्यटक अब तुर्की के बजाय दूसरी सस्ती जगहों जैसे ग्रीस को प्राथमिकता दे रहे हैं। ग्रीस की वीज़ा नीति में ढील और वहां की सस्ती कीमतों ने भी तुर्की के पर्यटकों को आकर्षित किया है। तुर्की के होटलों को इस समय भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, और उद्योग से जुड़े लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
सोशल मीडिया पर भी ग्रीस के सस्ते पर्यटन की तुलना तुर्की से की जा रही है, जिससे तुर्की की छवि और भी प्रभावित हो रही है। महंगाई के कारण स्थानीय लोग भी देश के अंदर यात्रा करने में असमर्थ हो रहे हैं, जिससे होटलों की स्थिति और बिगड़ रही है। तुर्की के होटल मालिकों का कहना है कि महंगाई और धोखाधड़ी की घटनाओं से भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। इन सबके बीच, तुर्की का पर्यटन क्षेत्र गंभीर संकट का सामना कर रहा है।