रूस ने यूक्रेन द्वारा किए गए ATACMS Missile हमले को स्वीकार किया
रूस ने यह स्वीकार किया है कि यूक्रेन ने उस पर छह ATACMS Missile से हमला किया, जिनमें से पांच को रूस की हवाई रक्षा प्रणाली द्वारा इंटरसेप्ट कर लिया गया। यह पहली बार है जब रूस ने इस हमले को स्वीकार किया है। लेकिन ATACMS मिसाइल क्या है और क्यों इसके इस्तेमाल ने रूस को इतना नाराज़ कर दिया कि उसने परमाणु युद्ध की धमकी दी?
ATACMS मिसाइल क्या है?
ATACMS (MGM-140 आर्मी tactical मिसाइल सिस्टम) एक सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे अमेरिका द्वारा निर्मित किया गया है। इस मिसाइल की लंबाई 13 फीट (लगभग 4 मीटर) होती है और इसका व्यास 24 इंच (61 सेमी) है। यह मिसाइल ठोस प्रणोदक पर काम करती है और इसकी रेंज 300 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल दो प्रकार के लॉन्च प्लेटफॉर्म्स से लॉन्च की जा सकती है।
ATACMS मिसाइल की प्रमुख विशेषताएँ
- ATACMS मिसाइलों का निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया है।
- यह एक सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका नाम MGM-140 Army Tactical Missile System है।
- इसकी लंबाई 13 फीट और व्यास 24 इंच है। इसकी रेंज 300 किलोमीटर है।
- इस मिसाइल को M270 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) या M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) से लॉन्च किया जा सकता है।
- यूक्रेन सहित अन्य देशों में ATACMS मिसाइल का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, यह मिसाइल सिस्टम अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, रोमानिया, ग्रीस, तुर्की, पोलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों द्वारा उपयोग किया जाता है।
- इस मिसाइल का उपयोग पहले खाड़ी युद्ध और इराक युद्ध में भी किया जा चुका है।
- ATACMS का एक स्टैंडर्ड लॉन्चर छह मिसाइलें ले सकता है और इसके 11 वेरिएंट्स हैं जो भूमि और नौसेना युद्धों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- इस मिसाइल का वजन 1670 किलोग्राम है और यह अधिकतम 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुँच सकती है।
- इसकी गति 3704 किमी/घंटा है और यह अपने लक्ष्य की ओर गर्मी के विभाजन और प्रवेशक वारहेड्स के साथ बढ़ती है।
रूस और ATACMS का विवाद
रूस ने पहले इस मिसाइल हमले को लेकर चुप्पी साधी थी, लेकिन अब उसने इसे स्वीकार कर लिया है। ATACMS मिसाइल की उच्च सटीकता और लंबी रेंज ने रूस को परेशान कर दिया है। यूक्रेन द्वारा इस मिसाइल का उपयोग रूस के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है, जिसके कारण रूस ने परमाणु युद्ध की धमकी दी है।