बाइडेन के मिसाइल दांव के साथ नहीं ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी? जानिए G-20 से लेकर रूस की रणनीति
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल, आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS), के उपयोग की अनुमति देकर एक बड़ा कदम उठाया था। बाइडेन का यह कदम इस उम्मीद पर था कि उनके मित्र देशों, जैसे ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी, भी इस मिसाइल का उपयोग करने में उनका साथ देंगे। लेकिन अब यह दिखाई दे रहा है कि ये यूरोपीय देश बाइडेन के इस फैसले पर आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस फैसले के पीछे एक और कारण भी है, जो बाइडेन का कार्यकाल सिर्फ दो महीने का बचा हुआ है और जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति बन सकते हैं। इस स्थिति में छह प्रमुख यूरोपीय देशों के विदेश मंत्री मंगलवार को वारसॉ में बैठक करेंगे, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली और पोलैंड के मंत्री व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे, जबकि ब्रिटेन और स्पेन के मंत्री वीडियो के माध्यम से जुड़ेंगे। जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कैथरीन डेसचौएर ने कहा कि यूरोप में सुरक्षा और यूक्रेन की स्थिति पर चिंता जताई जा रही है।
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी क्या कह रहे हैं?
पोलैंड, जो कि यूक्रेन का समर्थक है, ने बाइडेन के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि रूस युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद ले रहा है। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा है कि उनका देश मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं देगा। फ्रांस भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है, और फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि फ्रांस की मिसाइलों का उपयोग एक विकल्प है। जर्मनी ने कीव को अपनी लंबी दूरी की टॉरस मिसाइल प्रणाली देने से इनकार कर दिया है और इसके बदले कीव को 4,000 ड्रोन देने की घोषणा की है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने रूस और पश्चिम के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई और कहा कि बर्लिन सीधे संघर्ष में शामिल हो सकता है।
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रूस की रणनीति
इस बीच, रूस ने उत्तर कोरिया के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है। प्योंगयांग में किम जोंग उन और रूस के मंत्री अलेक्जेंडर कोज़लोव की मुलाकात हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच सैन्य और संसाधन सहयोग पर चर्चा की गई। इसके अलावा, रूस ने दावा किया है कि ईरान के पास रूस के एस-300 और एस-400 मिसाइल सिस्टम अब उपलब्ध हैं। इससे पश्चिमी देशों को यह चिंता हो रही है कि रूस उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को समर्थन दे सकता है।
जी-20 की बैठक में शांति की बात
रियो में जी-20 नेताओं की बैठक में संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में शांति की स्थापना के लिए सभी रचनात्मक प्रयासों का स्वागत किया। जी-20 ने कहा कि शांति संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए और पड़ोसी देशों के बीच अच्छे रिश्तों को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही गाजा और लेबनान में युद्धविराम की अपील भी की गई।
रूस और यूक्रेन की प्रतिक्रिया
रूस ने बाइडेन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह यूक्रेन द्वारा अमेरिकी लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग पर सख्त प्रतिक्रिया देगा। वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इसे एक “गेम चेंजर” कदम बताया और कहा कि यह युद्ध को नया मोड़ दे सकता है। क्रेमलिन ने भी इस कदम को आग को भड़काने वाला बताया और कहा कि यह अमेरिका के निवर्तमान प्रशासन का एक और प्रयास है, जो तनाव को और बढ़ाएगा।