वहीं आज इस कार्यवाही के बाद केशवाही चौकी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहें हैँ। चौकी क्षेत्र में कोयले एवं पशु तस्करी का काला कारोबार एक लम्बे अर्से से चल रहा हैँ लेकिन पुलिस जानकार इससे अनजान बनी हुईं हैँ।
जानकारी के अनुसार मरखी माता मंदिर के समीप स्थित कठना नाला के पास जो कोयले का अवैध खनन चल रहा था उसमे ग्राम कुम्हारी के एक व्यक्ति के साथ साथ ग्राम पंचायत केशवाही के पूर्व उपसरपंच व ग्राम जमुनिहां का एक पूर्व सरपंच लिप्त हैँ। जो कि एक लम्बे समय से भारी मात्रा में कोयले का अवैध खनन कर उसका परिवहन खुलेआम कर रहें हैँ।
आज खनिज विभाग द्वारा की गईं कार्यवाही को लेकर भी सवाल खड़े हो रहें हैँ क्योंकि वहाँ अवैध रूप से खनन कर एकत्र किया गया कई टन कोयला को जप्ती न बनाकर उसके ऊपर ही मिट्टी डालकर विभाग ने अपने कर्त्तव्यों से इतिश्री कर ली। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि जब गरीब मजदूर की जान जोखिम में डालकर कोयला माफिया कोयला का उत्तखनन करवा सकतें है तो फिर उनके लिए ज़रा सी मिट्टी में दबा लाखों का कोयला फिर से नही निकला जा सकता है क्या? बहरहाल खनिज अमले ने तो खाना पूर्ति कर ली लेकिन चौकी की पुलिस इससे अपने आपको अनजान बता रही है।
कई लोगों की जा चुकी है जान
विदित हो कि उक्त अवैध कोयला खदान में पिछले कुछ वर्षों के भीतर कई लोगो की दबकर मौत भी हो चुकी हैँ। जिसमे गत वर्ष कल्ला नामक व्यक्ति की मौत हुईं थी। इसके पहले एक महिला की उसी खदान में कोयला में दबने से मौत हो गईं थी। इन हादसों के बाद कुछ दिनों तक वहाँ अवैध खनन बंद रहा लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से बदस्तूर वहाँ यह काला कारोबार शुरू हो गया। जो अभी तक जारी था।
बटुरा में भी अवैध खनन
जिले के केशवाही ही नहीं बल्कि कई अन्य थाना क्षेत्रों में भी अवैध कोयला खदान चल रही है , जिसमे सबसे बड़ी मात्रा में अमलाई थाना क्षेत्र के बटुरा सोन नदी से कोयले का अवैध उत्त्खनन व परिवहन काफी समय से किया जा रहा है । वहाँ पर यादव और पाण्डेय की जोड़ी बुढार के एक सफेदपोश नेता के भाई के संरक्षण में यह काला कारोबार चला रहें हैं । अब देखना होगा कि जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में चल रहे इस काले कारोबार पर आने वाले नए पुलिस अधीक्षक क्या कार्यवाही करतें हैं ।