उन्हें 25 अक्टूबर को भापोल में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक सेवा और समर्पण के लिए प्रदान किया जा रहा है। श्रीमती द्विवेदी ने अपने शिक्षण करियर में न केवल छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने का कार्य किया, बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों और आत्मविश्वास का भी संचार किया।
उनकी शिक्षण विधियां और छात्रों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया है। शिक्षिका श्रीमती अंजना द्विवेदी ने विज्ञान विषय को विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से समझाने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों से जोड़ा जैसे गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को समझाते समय, पृथ्वी पर वस्तुओं के गिरने की सामान्य घटना का उपयोग किया जा सकता है। यह छात्रों के लिए अवधारणाओं को समझने के लिए आसान बनाया गया। साथ ही प्रयोगों और गतिविधियों के माध्यम से भी विज्ञान को सिखाया, प्रयोगों से छात्र न केवल सिद्धांतों को समझे हैं, बल्कि उन्हें प्रयोगात्मक तरीके से सत्यापित भी किया।
नई सोच विकसित करने का साधन है शिक्षा
शिक्षिका,श्रीमती द्विवेदी का कहना है कि मेरा मुख्य विषय विज्ञान है। मेरा उद्देश्य यह रहता है कि मैं बच्चों के शैक्षणिक स्तर तक जाकर उन्हें पढा़ती हूं मैं बच्चों में जीवन जीने के लिए साहस उत्पन्न करने का प्रयास करती हूं। उनका कहना है कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि समझ, आत्मविश्वास और नई सोच विकसित करने का साधन है।