पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी शहर क्वेटा के रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुए Suicide Attacks में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें 14 सैनिक, छह रेलवे कर्मचारी और छह नागरिक यात्री शामिल थे।
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA), जो इस अशांत प्रांत का सबसे प्रमुख उग्रवादी समूह है, ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि उनकी आत्मघाती इकाई, मजीद ब्रिगेड ने ट्रेन से लौट रहे एक “पाकिस्तानी सेना के यूनिट” को निशाना बनाकर यह हमला किया।
हमला सेना और नागरिकों को लक्षित
प्राधिकृत सूत्रों के अनुसार, विस्फोट एक “आत्मघाती हमले” के रूप में था, जिसका मुख्य उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निशाना बनाना था, जबकि नागरिकों को भी इसमें शामिल किया गया। पुलिस ने बताया कि घायलों में से 46 पाकिस्तान आर्मी के सैनिक थे। यह विस्फोट उस समय हुआ जब सुबह की लोकप्रिय ट्रेन, जैफर एक्सप्रेस, क्वेटा से पेशावर के लिए स्टेशन से निकलने वाली थी।
हमले की जगह और दृश्य
सोशल मीडिया पर शनिवार के विस्फोट की वीडियो वायरल हुई, जिसमें देखा जा सकता है कि प्लेटफार्म पर सैकड़ों लोग खड़े थे, जब बम धमाके से फट गया। इसके बाद की वीडियो में घायल लोग और स्टेशन पर मलबा बिखरा हुआ था। प्लेटफार्म की छत का धातु ढांचा भी टूटकर गिर गया था। बलूचिस्तान प्रांत के पुलिस प्रमुख मुज़्ज़म जाह अंसारी ने कहा, “लक्ष्य सेना के इन्फैंट्री स्कूल के सैनिक थे।”
अधिकारियों का बयान और घायलों की संख्या
प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता वसीम बेग ने कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान दो और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 26 तक पहुंच गई, जबकि 62 लोग घायल हुए हैं।
BLA का विद्रोह और राजनीति
BLA ने लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग और प्रांत के गैस और खनिज संसाधनों पर नियंत्रण के लिए सशस्त्र विद्रोह जारी रखा है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुग्ती ने इस कृत्य को निंदनीय बताया और कहा कि अपराधी “जानवरों से भी बदतर” हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन अपराधियों को पकड़ने और उन्हें उनके उचित अंत तक पहुंचाने के लिए कड़ी कार्रवाई करेगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमले के षड्यंत्रकारियों को “इसका बहुत भारी मूल्य चुकाना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बल “आतंकवाद की इस समस्या” को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
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बलूचिस्तान में अस्थिरता और सुरक्षा चिंताएँ
बलूचिस्तान में दशकों पुरानी विद्रोही गतिविधियों ने प्रांत में अस्थिरता पैदा कर दी है और चीन द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं के लिए सुरक्षा समस्याएं उत्पन्न की हैं, जो इस प्रांत के अनछुए संसाधनों का उपयोग करने की कोशिश कर रही हैं। अगस्त में बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादियों द्वारा पुलिस स्टेशनों, रेलवे लाइनों और राजमार्गों पर हमले में कम से कम 73 लोग मारे गए थे।
बलूचिस्तान की भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में सबसे समृद्ध है, लेकिन यह सबसे कम विकसित भी है। यह क्षेत्र ईरान और तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान के साथ एक संवेदनशील सीमा साझा करता है, और अरब सागर के किनारे एक विशाल तटरेखा भी है।
बलूचिस्तान में सरकार की सैन्य कार्रवाई
बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन को दबाने के लिए सरकार की सैन्य कार्रवाई ने व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों को जन्म दिया है, जिसमें बलूच विरोधियों के खिलाफ अपहरण, अत्याचार और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के हत्याएं शामिल हैं।