बांधवगढ़ में हाथियों की मौत पर हड़कंप: सीएम मोहन ने बुलाई आपात बैठक
आपात बैठक का आह्वान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में 10 हाथियों की मौत के मामले में आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने घटना की संपूर्ण जानकारी लेने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
हाथियों की मौत का रहस्य
सीएम यादव ने उच्चस्तरीय दल को इस मामले की गहन जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि विशेषज्ञों द्वारा हाथियों की मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट आने में चार दिन लगेंगे। इस बीच, घटना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच का काम जारी रहेगा।
वन राज्य मंत्री की यात्रा
इस संकट के बीच वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और दो वरिष्ठ अधिकारी उमरिया जाएंगे। मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव भी होंगे। इस आपात बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन वर्चुअल रूप से शामिल हुए थे, जबकि मुख्यमंत्री निवास में अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद थे।
क्या है मामला?
बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में इस सप्ताह 10 हाथियों की मौत का कारण जहरीला पदार्थ बताया गया है। इस घटना ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस के नेता लगातार इस मामले को उठाते हुए सरकार से जवाब मांग रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
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उमंग सिंघार का बयान
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दीपावली की पूर्व संध्या पर भगवान गणेश के प्रतीक दस हाथियों की बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौत होना बेहद दुखद है। मध्य प्रदेश सरकार हाथियों का संरक्षण नहीं कर सकी।” उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग की लापरवाही इस घटना की सबसे बड़ी वजह है, क्योंकि विभाग ने छत्तीसगढ़ और कर्नाटक से विस्थापित होकर आए हाथियों की उचित व्यवस्था नहीं की।
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
सिंघार ने आगे कहा कि सरकार को लापरवाह वन अधिकारियों से जवाब तलब करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वन समितियों को पर्याप्त अधिकार देने और इस टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे आदिवासियों के साथ समन्वय स्थापित करने की जरूरत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री का बयान
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को टैग करते हुए लिखा कि “मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 7 हाथियों की मौत और 2 या 3 की हालत गंभीर होना बेहद चौंकाने वाला है।” उन्होंने कहा कि इससे बांधवगढ़ में हाथियों की जनसंख्या 10% कम हो गई है और इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए।
संक्षेप में
बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में हुई इस दर्दनाक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। अब सीएम डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह घटना न केवल हाथियों के संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करती है, बल्कि मध्य प्रदेश की वन नीति पर भी सवाल उठाती है।