MP High Court: 292 याचिकाकर्ताओं को मिली राहत, कोर्ट ने एएनएम पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ किया
MP High Court (मध्य प्रदेश हाई कोर्ट) ने Auxiliary Nurse Midwife पद पर नियुक्ति (ANM appointment) के मामले में 292 याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इन याचिकाकर्ताओं के लिए नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए, जिससे उन्हें नियुक्ति की उम्मीद जगी। यह मामला पहले तीन शर्तों के कारण अटका हुआ था, जिनके कारण याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया था।
कोर्ट ने स्पष्ट किया, आदेश न मानने पर आयुक्त को कोर्ट में उपस्थित होना होगा
Jabalpur Bench (जबलपुर बेंच) के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने एएनएम पद पर नियुक्ति का आदेश पारित किया। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त को कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा। इससे यह संदेश गया कि कोर्ट अपने आदेशों को लागू करवाने के लिए सख्त है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
8 नवंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश
MP High Court ने आदेश दिया है कि सभी याचिकाकर्ता 8 नवंबर को सुबह 9:30 बजे अपने संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के सामने उपस्थित हों। वहां पर तीन शर्तों में छूट देने के बाद एएनएम पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति में किसी प्रकार की और देरी नहीं हो, और निर्धारित तारीख तक प्रक्रिया पूरी हो जाए।
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तीन शर्तें बनीं नियुक्ति में बाधा
इससे पहले, याचिकाकर्ताओं को तीन शर्तों के पालन में कमी के कारण नियुक्ति से बाहर कर दिया गया था। इन शर्तों में शामिल था कि उम्मीदवार को बारहवीं कक्षा की परीक्षा जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन शास्त्र से उत्तीर्ण करना, एएनएम की ट्रेनिंग शासकीय अस्पताल से प्राप्त करना और कम से कम दो वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त करना। इन शर्तों को पूरा न करने के कारण उन्हें नियुक्ति का मौका नहीं मिल रहा था।
कोर्ट का रुख और याचिकाकर्ताओं की स्थिति
याचिकाकर्ताओं ने इन शर्तों को लेकर MP High Court में याचिका दायर की थी। उनकी दलील थी कि वे एएनएम पद की परीक्षा में सफल हुए थे, लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान इन शर्तों को पूरा न करने के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया था। अब कोर्ट के आदेश से इन याचिकाकर्ताओं को राहत मिली है और वे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।