हरदा में पुलिसवालों का सेक्स रैकेट बेनकाब, कॉलोनीवासियों की सूझबूझ से हुआ खुलासा
मध्य प्रदेश के हरदा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ दो पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड जवान मिलकर सेक्स रैकेट चला रहे थे। यह गोरखधंधा शहर की एक पॉश कॉलोनी में चल रहा था, जिसकी भनक स्थानीय लोगों को काफी समय से लग रही थी। अंततः कॉलोनीवासियों ने खुद मोर्चा संभालते हुए पूरी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।
किराए के मकान को बना रखा था अड्डा
यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली गोपीकृष्णा कॉलोनी का है। यहां एक पुलिसकर्मी ने किराए पर मकान लिया था और उसी में यह पूरा रैकेट ऑपरेट किया जा रहा था। उसका एक साथी आरक्षक और एक होमगार्ड जवान भी इस काले धंधे में उसके साथ शामिल थे।
कॉलोनीवासी काफी समय से थे परेशान
स्थानीय लोग काफी समय से इस मकान में चल रही संदिग्ध गतिविधियों से परेशान थे। आए दिन अनजान महिलाओं और पुरुषों की आवाजाही कॉलोनी में चर्चा का विषय बन चुकी थी। आखिरकार रविवार को कॉलोनीवासियों ने इस पर सीधा एक्शन लिया।
संदिग्ध गतिविधियों के बाद लगाया बाहर से ताला
रविवार को जब कॉलोनीवासियों ने देखा कि तीन महिलाएं और तीन पुरुष मकान के अंदर घुसे हैं, तो उन्होंने मिलकर मकान को बाहर से ताला लगाकर पुलिस को सूचना दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत दरवाजा खुलवाकर अंदर दाखिल हुई।
छह लोग मौके से गिरफ्तार, होमगार्ड फरार
मौके से तीन महिलाएं और तीन पुरुषों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए दो लोगों की पहचान पुलिसकर्मियों राजेश भूमरकर और कमलेश डोके के रूप में हुई है। इनमें से एक ड्राइवर पद पर है और इसी किराए के मकान में रह रहा था। वहीं, तीसरा आरोपी – जो कि होमगार्ड का जवान बताया जा रहा है – पुलिस के आने से पहले फरार हो गया।
एसपी ने तुरंत लिया एक्शन
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। अब मामले की गहन जांच की जा रही है कि इन लोगों के साथ और कौन-कौन इसमें शामिल था और कितने समय से यह रैकेट सक्रिय था।
स्थानीय लोगों की जागरूकता बनी मिसाल
यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि जब स्थानीय लोग सतर्क और संगठित होकर किसी गलत काम के खिलाफ कदम उठाते हैं, तो कानून की मदद से बड़े अपराधों का पर्दाफाश किया जा सकता है। इस घटना में कॉलोनीवासियों की सक्रियता के कारण एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हो सका।
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस रैकेट का नेटवर्क कहां तक फैला हुआ था और किन-किन लोगों की इसमें संलिप्तता है।