पाकिस्तान में बढ़ी हलचल! कराची और लाहौर का एयरस्पेस आंशिक रूप से बंद
भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में तनाव और चिंता का माहौल देखने को मिल रहा है। भारत की ओर से किसी कड़ी प्रतिक्रिया की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान ने बड़ा फैसला लेते हुए कराची और लाहौर के हवाई क्षेत्र के कुछ हिस्सों को एक महीने के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
एयरस्पेस सुबह 4 से 8 बजे तक रहेगा बंद
पाकिस्तान की विमानन प्राधिकरण ने घोषणा की है कि 1 मई से 31 मई तक हर दिन सुबह 4 बजे से 8 बजे तक कराची और लाहौर के कुछ एयरस्पेस हिस्से बंद रहेंगे। इस दौरान उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों से संचालित किया जाएगा।
यात्रियों को परेशान होने की जरूरत नहीं
हालांकि विमानन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि इस बंदी का असर आम यात्रियों की उड़ानों पर खास नहीं पड़ेगा। उड़ानों के संचालन के लिए वैकल्पिक रूट पहले से तय कर दिए गए हैं और हवाई यातायात नियंत्रकों को निर्देश भी दे दिए गए हैं ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
भारत की ओर से जारी किया गया नोटम
भारत ने भी हाल ही में ‘नोटिस टू एयरमैन’ (NOTAM) जारी किया है जिसके तहत 30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी रजिस्टर्ड सिविल और सैन्य विमानों के लिए बंद कर दिया गया है। इस फैसले के तहत पाकिस्तान के किसी भी विमान को भारत के एयरस्पेस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
POK की उड़ानों पर भी असर
पाकिस्तान ने इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगित, स्कार्दू जैसे इलाकों में सभी वाणिज्यिक उड़ानों को अचानक रद्द कर दिया था। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और संभावित खतरे के आकलन के आधार पर लिया गया बताया जा रहा है।
NOTAM क्या होता है?
नोटम यानी ‘नोटिस टू एयरमेन’ एक गोपनीय सूचना प्रणाली है, जिसे हवाई यातायात से जुड़ी अहम सूचनाएं पायलटों और एयरलाइन कर्मचारियों तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौसम, सैन्य गतिविधि, उड़ानों पर प्रतिबंध, रनवे मरम्मत, ज्वालामुखी विस्फोट, पैराशूट जंप जैसे विषयों की जानकारी दी जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई विमान किसी भी अप्रिय स्थिति का शिकार न हो।
दोनों देशों में तनाव की स्थिति
पाकिस्तान के इन फैसलों से यह साफ हो गया है कि भारत के जवाबी कदमों को लेकर वहां डर और बेचैनी का माहौल बना हुआ है। हवाई क्षेत्र की यह बंदी सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संकेत भी मानी जा रही है कि पाकिस्तान किसी भी संभावित प्रतिक्रिया से पहले सतर्क रहना चाहता है।