अमेरिका में हवाएं जंगलों की आग को और भड़का सकती हैं?
लॉस एंजेलिस में आग का विकराल रूप
लॉस एंजेलिस, अमेरिका में पिछले आठ दिनों से जंगलों में आग भड़क रही है, और हालात और भी बिगड़ सकते हैं। सोमवार रात से हवाएं फिर तेज हो गईं, जिससे आग के और फैलने की आशंका बढ़ गई है। मंगलवार शाम तक हवाओं की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने का अनुमान है, जो आग के फैलने को और बढ़ावा दे सकती है। हालांकि, प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर है।
अमेरिका की ‘सुपर पावर’ का इम्तिहान
लॉस एंजेलिस की यह आग अमेरिका की सामर्थ्य पर सवाल खड़ा कर रही है, क्योंकि यह शहर दुनिया के सबसे समृद्ध और संपन्न शहरों में से एक है। इस भीषण आग को बुझाने के लिए अमेरिका ने पड़ोसी देशों जैसे कनाडा और मेक्सिको से भी मदद ली है, लेकिन इसके बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
आग के बढ़ने की स्थिति
कैलिफोर्निया की शुष्क हवाएं आग को और भड़काने का काम कर रही हैं। अग्निशमन सेवा की प्रमुख क्रिस्टीन क्रोली ने कहा है कि आग को बुझाने में अभी और समय लगेगा, और नुकसान का अनुमान अभी तक नहीं लगाया जा सका है।
अब तक न बुझ सकी आग
शुरुआत में 7 जनवरी को पैलिसेड्स में आग लगी थी, और अब आठ दिन गुजर जाने के बाद भी आग नहीं बुझ सकी है। पैलिसेड्स और ईटन इलाके में आग ने भारी तबाही मचाई है। इन इलाकों में 24 लोग मारे गए हैं और 12 लोग लापता हैं। पैलिसेड्स में 23,713 एकड़ क्षेत्र में आग ने तबाही मचाई है, जबकि ईटन में 14,117 एकड़ भूमि जल रही है।
आग से प्रभावित लोग और उनकी चिंताएं
आग के कारण प्रभावित लोग अपने घरों और बहुमूल्य सामान को लेकर चिंतित हैं। उन्हें यह डर है कि उनके द्वारा दशकों तक संजोए गए संसाधन अब कभी वापस नहीं मिल पाएंगे। साथ ही, सरकारी मदद और बीमा कंपनियों के रुख को लेकर भी उनके मन में संशय है।
कैलिफोर्निया सरकार का बयान
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने इस आग को अमेरिका की सबसे विनाशकारी आपदा बताया है। उनके अनुसार, अगर बीमित संपत्तियों के नुकसान का आकलन किया जाए, तो यह आग अब तक की सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली आपदा बन चुकी है।
सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील
प्रशासन ने आग के और फैलने की संभावना को देखते हुए, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं। ताजा आदेश में 92 हजार लोगों को अपने घर छोड़ने की सलाह दी गई है।
यह आग न केवल अमेरिका के लिए एक बड़ा संकट बन गई है, बल्कि यह पूरी दुनिया को जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की दिशा में गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता की याद दिलाती है।