शहडोल में कल 16 जनवरी को आयोजित होने वाली प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्रियल कानक्लेव को लेकर भी लोगों के ज़हन में सवाल खड़े हो रहें हैं कि कहीं यह नए उद्द्योग का सपना भी जिले वासियों के लिए उसी घोषणा के जैसा फाइलों में तो दफ़न होकर नहीं रह जाएगा। क्योंकी शहडोल को संभाग का दर्जा मिले करीब 15 वर्षों का समय बीत चुका है लेकिन आज भी कई शासकीय विभागों के संभागीय कार्यालय शहडोल में नहीं खुल सके हैं । जिस कारण इतने वर्षों बाद भी संभाग वासियों को पूर्ण रूप से संभागीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री कैलाश तिवारी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के शहडोल संभागीय औद्योगिक निवेश कार्यक्रम में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा है किविगत 13 जनवरी 2024 में जब शहडोल आए थे ,तब उन्होंने संभागीय मुख्यालय में शासकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी लेकिन आज एक वर्ष हो गए हैं उस घोषणा पर कुछ भी कार्यवाही नहीं की गई है। मध्य प्रदेश में शहडोल संभाग एकमात्र संभाग है, जहां पर शासकीय महाविद्यालय नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वह अपनी घोषणाओं पर अमल करने के लिए संबंधित जनों को स्पष्ट निर्देश देने का कष्ट करें।
इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति भी चिंताजनक
भाजपा नेता श्री तिवारी ने कहा है कि उद्योगपतियों को निवेश के लिए जिस स्थान पर कार्यक्रम किया जा रहा है ।उस इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति भी अत्यंत चिंताजनक है ।कॉलेज में बिना सुविधाओं के संचालन किया जा रहा है ना ही पर्याप्त प्राध्यापक एवं संसाधन है। ऐसे में यहां से पास आउट हुए छात्रों की क्या स्थिति होगी, आकलन लगाया जा सकता है। अनेकों बार इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई गई, ज्ञापन दिए गए, लेकिन किसी के द्वारा भी उस पर कोई पहल नहीं की गई जिससे स्थिति यथावत है।
अब तक नहीं खुला लोकायुक्त कार्यालय
भाजपा नेता श्री तिवारी ने कहा है कि शहडोल संभागीय मुख्यालय में लोकायुक्त कार्यालय खोलने की घोषणा की गई थी। जिस पर एक इंस्पेक्टर की पद स्थापना की जानकारी भी समाचार पत्रों में आई थी, लेकिन उसके बाद अभी तक कोई कार्यालय नहीं खोला गया है। जबकि संभाग बने 16 साल होने जा रहे हैं। अभी कई विभाग के संभागीय कार्यालय शहडोल में नहीं खुल सके हैं ,जिससे आज भी संभाग वासियों को रीवा एवं अन्य स्थानों की दौड़ लगानी पड़ती है ।
मेडिकल कालेज से दूरी बना रहे चिकित्सक
अन्य विभागों की दयनीय स्थिति के साथ साथ शहडोल में संचालित शासकीय मेडिकल कालेज की स्थिति भी दिनों दिन चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव में खराब होती जा रही है ।पिछले एक वर्ष में दो दर्जन से अधिक चिकित्सक मेडिकल कालेज छोड़ चुके हैं ,इससे न केवल वहाँ पढने वाले छात्र छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है बल्कि चिकित्सीय सुविधाओं में भी इसका काफी प्रभाव पड़ा है । प्रदेश के मुखिया को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए । जबकि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल स्वास्थ्य विभाग की कमान स्वयं संभाल रहें हैं ।
भाजपा नेता श्री तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो औद्योगिक विकास के लिए हर संभाग स्तर में जाकर औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर ध्यान देकर उद्योगपतियों को आमंत्रित कर रहे हैं। इससे मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों में उद्योग की स्थापना होगी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे विकास को नई गति मिलेगी । ऐसे व्यक्तित्व से मांग है कि शहडोल की समस्याओं के निराकरण के लिए विशेष ध्यान दिया जाए।