फैटी लिवर क्या होता है?
फैटी लिवर की समस्या तब होती है जब लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। इसका मुख्य कारण होता है खराब लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान, और अत्यधिक शराब या सिगरेट का सेवन। साथ ही, जो लोग शारीरिक गतिविधियां कम करते हैं, उनमें भी फैटी लिवर की समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। फैटी लिवर के मरीजों को हेल्दी और संतुलित आहार का पालन करना चाहिए। कुछ ऐसे फल हैं, जिन्हें इस समस्या में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये लिवर की रिकवरी को धीमा कर सकते हैं।
इन 3 फलों को फैटी लिवर में खाने से बचें
- आम:
आम भले ही गर्मियों का सबसे पसंदीदा फल हो, लेकिन फैटी लिवर के मरीजों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। इसमें शुगर और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है। इसलिए, फैटी लिवर से पीड़ित लोगों को आम से परहेज करना चाहिए या इसे बहुत कम मात्रा में ही खाना चाहिए। - कस्टर्ड ऐप्पल (सीताफल):
कस्टर्ड ऐप्पल भी फैटी लिवर में खाने से बचना चाहिए। इसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे लिवर को नुकसान पहुँच सकता है। फैटी लिवर की समस्या में इसे पचाना मुश्किल होता है, और इससे लिवर की रिकवरी भी धीमी हो जाती है। - लीची:
लीची में भी प्राकृतिक शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो फैटी लिवर की स्थिति को और बिगाड़ सकती है। इसके अधिक सेवन से लिवर में फैट जमा हो सकता है और वजन भी बढ़ सकता है। फैटी लिवर की समस्या में लीची का सेवन बहुत हानिकारक माना जाता है।
फैटी लिवर में नट्स से भी बचें
फैटी लिवर के मरीजों को नट्स का सेवन भी सीमित करना चाहिए क्योंकि इनमें मौजूद फ्रुक्टोज लिवर में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे लिवर की स्थिति और खराब हो सकती है।
कौन से फल फैटी लिवर में खा सकते हैं?
फैटी लिवर से पीड़ित लोग कुछ फलों का सेवन कर सकते हैं, जो लिवर को डिटॉक्स करने और फैटी लिवर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन फलों में शामिल हैं:
- सेब
- आंवला
- पपीता
- बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, आदि)
इसके अलावा, एवोकाडो, अदरक, नींबू, और चुकंदर भी फैटी लिवर में लाभकारी माने जाते हैं। इनका नियमित सेवन आपके लिवर की सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकता है।
फैटी लिवर की समस्या में सही आहार और कुछ फलों से दूरी रखना जरूरी है। इससे लिवर की रिकवरी तेज हो सकती है और गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।