पाकिस्तान की आर्थिक तंगहाली से जूझ रही स्थिति में एक उम्मीद की किरण नजर आई है! पाकिस्तानी मीडिया हाउस के अनुसार, देश की समुद्री सीमा में तेल और गैस का एक बड़ा भंडार खोजा गया है। यह खोज एक सहयोगी देश के साथ मिलकर तीन साल तक किए गए सर्वे के बाद संभव हो पाई है। इस नए भंडार की पुष्टि के बाद के आंकड़ों के मुताबिक, यह भंडार दुनिया के चौथे सबसे बड़े तेल और गैस रिजर्व के रूप में पहचाना जा सकता है। वर्तमान में, वेनेजुएला में 34 लाख बैरल का सबसे बड़ा तेल रिजर्व है, जबकि अमेरिका के पास सबसे शुद्ध तेल का भंडार है, जिसे अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में मिले तेल और गैस के भंडार की रिसर्च और विकास के लिए करीब 42 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रिसर्च पूरी होने के बाद, समुद्र की गहराई से तेल और गैस निकालने में 4-5 साल का समय लग सकता है। अगर रिसर्च सफल रहती है, तो इसके बाद कुएं लगाने और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अतिरिक्त पैसे की आवश्यकता होगी। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय और भारी निवेश शामिल है, लेकिन अगर सब कुछ सही ढंग से हुआ, तो यह पाकिस्तान के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि देश के समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस का भंडार मिलना पाकिस्तान की ‘ब्लू वॉटर इकोनॉमी’ के लिए एक बड़ा लाभ है। ब्लू इकोनॉमी से तात्पर्य है कि समुद्री रास्तों, नए बंदरगाहों और सामुद्रिक नीतियों के जरिए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
इस खोज से न सिर्फ तेल और गैस का उत्पादन संभव होगा, बल्कि समुद्र में मौजूद अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का भी खनन किया जा सकता है। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। डॉन के अनुसार, सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तेल और गैस भंडार की लोकेशन मिलने के बाद अब इस पर और रिसर्च जल्द शुरू की जाएगी। सभी सरकारी विभागों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान के ऑयल और गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (OGRA) के पूर्व सदस्य मुहम्मद आरिफ ने बताया कि तीन साल की रिसर्च के बाद भंडार की खोज हुई है, लेकिन यह कभी भी 100% गारंटी नहीं होती कि रिजर्व का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा।