दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए महिपालपुर एक्सटेंशन से 5,820 करोड़ रुपये के ड्रग्स बरामद किए हैं, जो गैरकानूनी तरीके से भारत लाए गए थे। इस खेप में 562 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम थाईलैंड से लाया गया हाइड्रोपोनिक मारिजुआना शामिल है। यह ड्रग्स की सबसे बड़ी खेपों में से एक मानी जा रही है, जिसकी कीमत बाजार में अत्यधिक आंकी गई है।
मुख्य आरोपी तुषार गोयल है, जिसे भाजपा ने यूथ कांग्रेस के आरटीआई सेल का प्रमुख बताया है। इस मामले के उजागर होने के बाद से राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि तुषार गोयल का कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ संबंध है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस युवा वर्ग को नशे में धकेलने का काम कर रही है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “अगर इन्हें थोड़ी सी भी शक्ति मिली, तो ये देश को किस गर्त में धकेल देंगे।”
कांग्रेस ने भाजपा के इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि तुषार गोयल को अक्टूबर 2022 में ही पार्टी से निकाला गया था। इंडियन यूथ कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल से बयान जारी करते हुए कहा कि तुषार गोयल अब संगठन से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है। उन्होंने भाजपा की ओर से पेश किए गए तथ्यों को झूठा बताया और कहा कि यह उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन महीने की गहन जांच के बाद इस ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया। अगस्त 2024 में केंद्रीय खुफिया एजेंसी को दिल्ली में ड्रग्स की तस्करी से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह की जानकारी मिली थी। पुलिस ने पाया कि तुषार गोयल अपने महिपालपुर एक्सटेंशन के गोदाम में ड्रग्स छिपाकर रख रहा था। इस पर पुलिस ने उसके गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 40 अधिकारियों को तैनात किया था। 1 अक्टूबर को विशेष सूचना के आधार पर पुलिस ने तुषार के गोदाम में छापेमारी की और बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया।
तुषार गोयल इस गिरोह का भारत में मुख्य रिसीवर और वितरक बताया जा रहा है। पुलिस ने चार अन्य आरोपियों—भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी, हिमांशु कुमार और जितेंद्र प्रीत गिल को भी गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का संचालन पश्चिम एशिया के एक देश से हो रहा था। तुषार गोयल एक संपन्न परिवार से है, जो दिल्ली के वसंत विहार इलाके में रहता है और उसके पिता के पास दो प्रकाशन हाउस हैं।
इस मामले ने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को जन्म दिया है, और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां मोदी सरकार ‘नशा मुक्त भारत’ के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, वहीं दूसरी ओर इस ड्रग्स मामले में कांग्रेस के एक प्रमुख व्यक्ति की संलिप्तता गंभीर चिंता का विषय है।
इस तरह, महिपालपुर एक्सटेंशन से बरामद की गई ड्रग्स की यह खेप न केवल पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि राजनीतिक हलचल को भी जन्म दे रही है, जिससे दोनों प्रमुख दलों के बीच विवाद और बढ़ सकता है।