आईजी से की गयी लिखित शिकायत में पीड़ित युवती ने उल्लेखित किया है कि उसके साथ प्रदीप रैदास नाम के लड़के ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया । जिसकी रिपोर्ट लिखाने मैं गत 29 मार्च को महिला थाने पहुँची एवं वहाँ मैंने थाना प्रभारी वर्षा बैगा को आप बीती बताया । मेरी बात सुनने के बाद वह क्रोध में आ गई एवं उठकर मेरे को बाल पकड़कर झापड़ घूसे से मारने लगी और बोली ज्यादा बात मत कर, फिर मैं पुलिस अधीक्षक के पास गई एवं सारी बात बताई।
जिस पर उन्होंने मुझे पुनः महिला थाने भेजा और बोले जाओ रिपोर्ट लिखवाओं, तो मैं पुनः महिला थाने गई तो महिला थाना प्रभारी ने पहले तो मुझे पुनः गंदी-गंदी गालियाँ दी फिर एफ.आई.आर. लिखी गयी । पीडिता का आरोप है कि महिला थाना प्रभारी ने मुझसे कहा कि मजिस्ट्रेट के यहाँ के बयान में ज्यादा मत बोलना जितना रिपोर्ट में लिखा हैं बस वही बोलना नही तो मैं तेरे को बताती हूँ तू ज्यादा होशियार बन रही है।
थाना प्रभारी ने वहाँ मौजूद दुसरे पुलिसकर्मी से कहा कि इसको नोटिस दो कि ये अपनी प्रेगनेंसी का सबूत लाये एवं सोनोग्राफी एवं पर्चा लाये, जबकि मैंने उन्हें बता दिया था कि मैं किसी डॉक्टर के पास नही गई थी। आरोपी प्रदीप ने ही मुझे प्रेगनेंसी जाँच किट लाकर दिया था एवं प्रेगनेंसी निकलने पर वो किट लेकर चला गया और बोला कि मैं डाक्टर से बात कर लूंगा ।उसने (आरोपी ) मुझे दूध के साथ कोई दवा पिला दिया मैं नही जान पाई, फिर मुझे पेट में दर्द होने लगा एवं मुझे कमरे में 3-4 दिन बाद एक गोली का रेपर मिला। मैंने प्रदीप से डाक्टर के पास ले जाने को कहा तो बोला सब ठीक हो जायेगा मैं तुमसे शादी कर लूंगा।
उक्त बाते मैंने थाना प्रभारी वर्षा बैगा को स्पष्ट रूप से बताई थी मैंने थाना प्रभारी से कहा कि आपने मेरे साथ मारपीट क्यों की ,मेरी क्या गलती थी क्या वो लड़का आपका रिश्तेदार है तो वो बोली हाँ वो मेरा भाई लगता है। वो जब भी मुझे जाँच के लिये बुलाती हैं तो मेरे साथ बदसलूकी करती हैं । गत 3 मार्च को मुझे थाना बुलाकर गाली-गलौच करके भगा दिया गया । पीडिता ने उक्त आरोप लगाते हुए पीडिता ने थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग आईजी से की है ।