बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा पर हमला, केंद्रीय मंत्री बोले- अगले साल बरसेंगे फूल
पश्चिम बंगाल में रामनवमी को लेकर इस बार भी माहौल गर्म रहा। कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में शोभायात्रा के दौरान हमले का आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि यात्रा के लौटते समय श्रद्धालुओं के वाहनों पर पत्थरबाज़ी की गई और भगवा झंडा देख कर गाड़ियों की विंडशील्ड तक तोड़ी गई। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है।
सोशल मीडिया पर लगाए गंभीर आरोप
एक केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस मौके पर मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना था कि यह चुप्पी इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार इस घटना को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि निर्दोष श्रद्धालुओं पर हमला करना और प्रशासन का मूकदर्शक बने रहना साफ दिखाता है कि रामनवमी के अवसर पर हिंदुओं की एकता से सरकार घबराई हुई है।
“रामराज्य आने वाला है” – केंद्रीय मंत्री
उत्तर 24 परगना में निकाली गई शोभायात्रा में शामिल केंद्रीय मंत्री ने मंच से तीखा भाषण देते हुए कहा कि बंगाल में रामराज्य का आगमन जल्द होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक समय था जब सत्ता पक्ष कहता था कि रामनवमी बंगाल का त्योहार नहीं है, लेकिन अब वही दल कह रहे हैं कि ‘राम सबके हैं’। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
अपने बयान में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता सिर्फ चुनावी समय में हिंदू बनने का दिखावा करते हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को ‘चुनावी हिंदू’ बताया और कहा कि अब हिंदू समाज जागरूक हो रहा है और ममता बनर्जी की सरकार से नाराज़ भी है।
ममता सरकार पर गंभीर आरोप
केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार बंगाल की पहचान को मिटाकर राज्य को बांग्लादेश जैसा बनाना चाहती है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह दावा किया कि हिंदू समाज अब पहले से कहीं ज्यादा संगठित हो रहा है और भविष्य में इसका असर चुनावों में भी दिखेगा।
“अगले साल पुलिस फूल बरसाएगी”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अगले साल कोलकाता के पार्क सर्कस से और भी बड़ी, जोरदार और भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पुलिस इस साल चुपचाप तमाशा देख रही थी, वह अगले साल श्रद्धालुओं पर फूल बरसाएगी। उन्होंने इसे एक शुरुआत बताया और कहा कि आने वाले समय में बंगाल की सियासत में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
इस घटना ने राज्य में धार्मिक आयोजन और प्रशासन की भूमिका को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। धार्मिक स्वतंत्रता, कानून व्यवस्था और राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच आम जनता सवाल कर रही है कि आखिर ऐसे आयोजनों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण कैसे बनाया जा सकता है।