संघर्ष विराम पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया: भारत ने हमारे सैन्य अड्डों को तबाह कर दिया – शहबाज शरीफ
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम की आधिकारिक घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश को संबोधित किया। उन्होंने इस संघर्ष विराम के लिए अमेरिका की मध्यस्थता को अहम बताया और चीन के समर्थन के लिए आभार जताया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात कर हालात की समीक्षा की।
भारत के हमले से पाकिस्तानी सैन्य ढांचा तबाह
अपने संबोधन में शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि भारत के जवाबी हमले में पाकिस्तान को भारी सैन्य नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमारे कई सैन्य अड्डों और हथियार भंडारण स्थलों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। साथ ही इस हमले में कई पाकिस्तानी जवानों की जान भी गई है। यह बयान पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
अमेरिका और चीन को बताया संकट का साथी
शहबाज शरीफ ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नाम लेकर उनका आभार जताया और कहा कि कठिन समय में चीन ने उनका पूरा साथ दिया। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी धन्यवाद दिया और कहा कि इन नेताओं की मध्यस्थता से ही संघर्ष विराम संभव हो सका।
भारत से शांति वार्ता की उम्मीद जताई
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अब भारत के साथ कश्मीर और पानी से जुड़े मसलों पर शांतिपूर्ण बातचीत की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहता है और यह संघर्ष विराम उसकी तरफ से एक सकारात्मक पहल है।
रक्षामंत्री ने बताया, कई देश हमारे साथ
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख पाकिस्तान के पक्ष में रहा। उन्होंने बताया कि तुर्की, अजरबैजान और चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। साथ ही सऊदी अरब और यूएई ने भी भले ही खुलकर न बोलें, लेकिन उनके रवैये से पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति साफ नजर आई।
भारत का नैरेटिव कमजोर साबित हुआ – पाकिस्तान का दावा
ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि जब पाकिस्तान ने भारत से सबूत और जांच की मांग की, तब भारत के दावे खुद ही कमजोर हो गए। इस वजह से वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को कूटनीतिक लाभ मिला और किसी भी देश ने भारत का खुलकर समर्थन नहीं किया।
निष्कर्ष
पाकिस्तानी नेतृत्व का यह बयान न सिर्फ उनकी असल स्थिति की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की जवाबी कार्रवाई कितनी प्रभावशाली रही। हालांकि, अब दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू है, लेकिन क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए आगे बातचीत और सतर्कता दोनों जरूरी होंगी।