पंजाब बॉर्डर खाली, कई किसान नेता हिरासत में
पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर कराया खाली
पंजाब पुलिस ने बुधवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर को पूरी तरह खाली करा दिया। करीब एक साल से यहां डटे किसानों को हटाने के लिए प्रशासन ने पूरी योजना बनाई थी। इस दौरान बैरिकेड्स, अस्थायी ढांचे और धरनास्थल को भी हटा दिया गया। अब माना जा रहा है कि आज से नेशनल हाईवे (NH) को खोल दिया जाएगा।
हिरासत में लिए गए किसान नेता
केंद्रीय मंत्रियों और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बीच बैठक बेनतीजा रहने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद किसानों में आक्रोश फैल गया और पुलिस व किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
किसानों ने नहीं मानी हाईवे खोलने की मांग
बैठक के दौरान पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से हाईवे खोलने की अपील की। उन्होंने कहा कि सड़क बंद होने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है और व्यापार पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हालांकि, किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और हाईवे खोलने से इनकार कर दिया।
बड़ी संख्या में किसान लौटे घर
धरने पर बैठे किसानों को पहले ही अंदेशा हो गया था कि पुलिस कार्रवाई हो सकती है। इस कारण बुधवार सुबह से ही कई किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में अपना सामान भरकर घर लौटने लगे। पुलिस ने चंडीगढ़ से लौट रहे किसानों को रास्ते में ही रोकना शुरू कर दिया।
रातभर चला ढांचे हटाने का काम
कई किसान और महिलाएं मोर्चा छोड़ने को तैयार नहीं थे, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। इसके बाद बुलडोजर लाकर धरनास्थल को पूरी तरह से हटा दिया गया। मंच, ट्यूबलाइटें, पंखे, सोने-खाने के लिए बनाए गए ढांचे और टीन की चादरें उखाड़ दी गईं। खनौरी बॉर्डर को रात 8 बजे तक पूरी तरह से खाली कर दिया गया, जबकि शंभू बॉर्डर पर देर रात तक यह प्रक्रिया जारी रही।
लंबे समय से बाधित था रास्ता
गौरतलब है कि 13 फरवरी 2024 को किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना शुरू किया था। इसके कारण हरियाणा पुलिस ने इस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया था, जिससे आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। उद्योग-धंधे भी प्रभावित हो रहे थे। इस कार्रवाई से साफ है कि केंद्र और पंजाब सरकार ने मिलकर यह रणनीति बनाई और लागू की।