सोने की धरती घाना पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, भारत के लिए क्यों है खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय पांच देशों की विदेश यात्रा पर हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने पश्चिम अफ्रीका के प्रमुख देश घाना से की है। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का बीते तीन दशकों में घाना का पहला दौरा है। वे यहां दो दिन रुकेंगे, जहां उन्होंने घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात की, संसद को संबोधित किया और भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद किया।
घाना: भारत का अफ्रीका में पुराना मित्र
भारत और घाना के रिश्ते 70 साल पुराने हैं। जब 1957 में घाना को स्वतंत्रता मिली थी, तभी से भारत ने इसके संघर्ष का समर्थन किया था। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से हैं और उनके बीच राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग की गहरी नींव रही है। घाना में भारत द्वारा निर्मित जुबिली हाउस (राष्ट्रपति भवन) और अकरा में नेहरू रोड इन संबंधों के गवाह हैं।
घाना: अफ्रीका का ‘गोल्ड कोस्ट’
घाना को पहले ‘गोल्ड कोस्ट’ कहा जाता था क्योंकि यहां सोने का बड़ा भंडार है। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, घाना 2024 में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश था। यहां से भारत बड़ी मात्रा में सोना आयात करता है, जो भारत की आभूषण और व्यापारिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। खासकर तारक्वा और ओबुआसी जैसे क्षेत्र इस उत्पादन के मुख्य केंद्र हैं।
तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था और संभावनाएं
घाना की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और यह कृषि, खनन, डिजिटलाइजेशन और रक्षा सहयोग में भारत के लिए नए अवसर लेकर आ रहा है। घाना के राष्ट्रपति भारत के साथ कृषि और वैक्सीन डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं। वे घाना को पश्चिम अफ्रीका का वैक्सीन हब बनाना चाहते हैं।
व्यापार में घाना बना अहम भागीदार
भारत और घाना के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। भारत, घाना से सोना, कोको और लकड़ी आयात करता है, जबकि भारत चावल, दवाइयां, मशीनरी और वाहन जैसे उत्पाद निर्यात करता है। घाना के फार्मा सेक्टर का 70% हिस्सा भारतीय दवाओं पर निर्भर है, और कई भारतीय कंपनियां वहां सक्रिय हैं।
अफ्रीका में भारत की मजबूत उपस्थिति
घाना, भारत की अफ्रीका नीति का एक अहम हिस्सा है। भारत ने घाना में कोफी अन्नान आईटी सेंटर की स्थापना की है, जिसने हजारों युवाओं को प्रशिक्षित किया है। इसके अलावा, घाना में करीब 15,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों को सामाजिक स्तर पर भी मज़बूत बनाते हैं।
घाना: पर्यटन और सांस्कृतिक विविधता का केंद्र
घाना की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक किले और सांस्कृतिक विरासत इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। काकुम राष्ट्रीय उद्यान, क्वामे नक्रूमा मेमोरियल पार्क और केप कोस्ट जैसे स्थल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साथ ही, यहां का कुमासी बाजार पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा ओपन-एयर मार्केट है।