पाकिस्तान ने लॉन्च किया ‘बुनयान अल मरसूस’ ऑपरेशन, जानें इसका क्या मतलब है?
पाकिस्तान की नई हरकत: बुनयान अल मरसूस मिशन लॉन्च
पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में बुनयान अल मरसूस मिशन की शुरुआत की है। पाकिस्तान के इस कदम के बावजूद भारत लगातार मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर तगड़ी कार्रवाई कर रहा है। भारत ने पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेसों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव
शुक्रवार रात से पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि, भारतीय सेना इन हमलों का जवाब बड़ी मजबूती से दे रही है। भारतीय रक्षा तंत्र का हर प्रयास पाकिस्तान के हमलों को नाकाम कर रहा है। पाकिस्तान के इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में भारतीय सेना ने अपना दमखम दिखाया है।
बुनयान अल मरसूस का मतलब
पाकिस्तान के बुनयान अल मरसूस ऑपरेशन का अर्थ है ‘मजबूत शीशे से बनी दीवार’। यह शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसमें ‘बुनयान’ का मतलब है निर्माण और ‘मरसूस’ का मतलब है मजबूत। पाकिस्तान का दावा है कि यह ऑपरेशन भारत के ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ है, लेकिन भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को पूरी तरह से नकारा कर दिया है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान की यह ‘शीशे की दीवार’ कितनी कमजोर है, क्योंकि भारतीय सेना ने उसे ध्वस्त कर दिया है।
भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत
पाकिस्तान के सभी हमलों को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम लगातार नष्ट कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत पूरी दुनिया ने महसूस की है। पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करने में भारतीय तकनीक और सुरक्षा प्रणाली कितनी सक्षम है, यह अब पूरी दुनिया जान चुकी है। पाकिस्तान का एयर डिफेंस अभी तक अपने आप को साबित नहीं कर पाया है, जबकि भारत ने अपनी ताकत से साबित कर दिया है कि उसकी सुरक्षा प्रणाली उच्चतम स्तर की है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान का हर प्रयास भारतीय सुरक्षा तंत्र के सामने नाकाम हो रहा है। बुनयान अल मरसूस जैसे ऑपरेशन केवल पाकिस्तान की खोखली धमकियों को और बढ़ा रहे हैं, जबकि भारतीय सेना ने अपने मजबूत डिफेंस सिस्टम से यह दिखा दिया है कि पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब दिया जाएगा। भारत की ताकत और उसकी रक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी कमजोर कर दिया है।