कानपुर में दिल दहला देने वाला हादसा, आग में झुलस गए 6 लोगों के शव मिले
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से एक बेहद दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। बीती रात चमनगंज इलाके के गांधी नगर में स्थित एक पांच मंजिला इमारत में अचानक भीषण आग लग गई। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच सदस्यों और एक टीचर की दर्दनाक मौत हो गई। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही पलों में इमारत की हर मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया और बचने का कोई मौका नहीं बचा।
मृतकों में जूते का कारोबार करने वाले दानिश, उनकी पत्नी नाजनीन, तीन बेटियां और उनकी बेटियों को पढ़ाने आए एक शिक्षक शामिल हैं। आग बुझाने में करीब 5 घंटे लगे, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। दमकल विभाग की लगभग 35 गाड़ियों ने पूरी रात आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत की। आग पर सुबह करीब 3 बजे पूरी तरह काबू पाया गया।
रेस्क्यू टीम और पुलिस ने मिलकर इमारत के अंदर से सभी छह शवों को बाहर निकाला। उन्हें पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। जिस समय आग लगी, उस वक्त सभी लोग सो रहे थे और उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला।
आग का कारण क्या रहा?
अब तक जो शुरुआती जांच सामने आई है, उसके अनुसार शॉर्ट सर्किट को आग लगने की मुख्य वजह माना जा रहा है। हालांकि, जांच अभी जारी है और फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है। जैसे ही आग की सूचना मिली, दमकल विभाग की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं। पुलिस भी तत्काल सक्रिय हो गई और आसपास के 10 से अधिक थानों की फोर्स मौके पर भेजी गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन और इलाके की स्थिति
आसपास के लगभग 200 मीटर के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया और राहत कार्य तेज़ी से चलाया गया। पास की इमारतों और घरों को भी एहतियात के तौर पर खाली करवा लिया गया। घटनास्थल पर एसडीएम समेत प्रशासन के अन्य अधिकारी भी पहुंचे और पूरे ऑपरेशन की निगरानी की।
फैक्ट्री और इमारत पूरी तरह तबाह
प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस पांच मंजिला इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर जूते की फैक्ट्री थी, जबकि ऊपर की मंजिलों पर दानिश और उनके भाई का परिवार रहता था। आग रात करीब 9:30 बजे फैक्ट्री के स्टॉक एरिया से शुरू हुई। परिवार के कुछ सदस्य जान बचाने के लिए बाहर निकलने में सफल हुए, लेकिन दानिश का पूरा परिवार और शिक्षक आग में फंस गए और बाहर नहीं निकल पाए।
इस हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है। प्रशासन ने राहत कार्य के साथ-साथ हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इमारत और फैक्ट्री पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी है। यह हादसा एक बड़ा सवाल छोड़ गया है—क्या रिहायशी इमारतों में फैक्ट्रियां चलाना सुरक्षित है?