मध्यप्रदेश भाजपा में हाल ही में असंतोष और विवादों की लहर उठी है, जो पार्टी की आंतरिक एकता और नेतृत्व की समन्वयशीलता पर सवाल खड़े कर रही है। पिछले एक सप्ताह में कई घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने पार्टी के विभिन्न स्तरों पर तनाव और कलह को उजागर किया है। नर्मदापुरम से लेकर विंध्य तक संगठन के भीतर हलचल मची हुई है।
सांसदों और मंत्रियों के बीच बढ़ती तनातनी के साथ, कई विधायकों ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके अलावा, राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और सांसद दर्शन सिंह चौधरी के बीच प्रोटोकॉल को लेकर टकराव भी सामने आया है। इन आंतरिक संघर्षों ने पार्टी की रणनीतिक दिशा और कार्यक्षमता को प्रभावित किया है, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली और पार्टी की प्रभावशीलता पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इन घटनाओं ने सरकार और संगठन को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया है, और मध्यप्रदेश में भाजपा की भविष्यवाणी को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है।
रायसेन जिले के अशासकीय अभिनव गरिमा विद्या निकेतन उमावि देवरी विकासखंड-उदयपुरा के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी और मध्यप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को आमंत्रित किया गया था।
सांसद का नाम राज्यमंत्री के नाम से ऊपर
कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में सांसद का नाम राज्यमंत्री के नाम से ऊपर लिखा गया था, जिससे मंत्री नाराज हो गए। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने निजी स्कूल को मान्यता समाप्त करने का नोटिस भेजा है। इस मामले पर किसी भी अधिकारी की ओर से टिप्पणी करने से बचा जा रहा है।
अपराधियों को अपना प्रतिनिधि बनाया
भाजपा के टीकमगढ़ विधायक और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने जिले में एक बैठक बुलाई, लेकिन तीन विधायक उसमें शामिल नहीं हुए। महाराजपुर से विधायक कामख्या प्रताप सिंह के पिता मानवेंद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए, आरोप है कि उन्होंने अपराधियों को अपना प्रतिनिधि बनाया है और उनके बेटे के खिलाफ गुटबाजी की थी। इस पर वीरेंद्र खटीक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरोप लगाने से किसी को नहीं रोका जा सकता।
दिवंगत नेताओं पर ऐसी टिप्पणियाँ स्वीकार नहीं
रीवा से सांसद जर्नादन मिश्रा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के खिलाफ दिए बयान ने विंध्य की सियासत को गरमा दिया है। मिश्रा ने श्रीनिवास तिवारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एक गड्डा तक नहीं भरा और लूट, भ्रष्टाचार, और गुंडागर्दी का आरोप भी लगाया। इस बयान के बाद, तिवारी के पोते और भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, कहा कि दिवंगत नेताओं पर ऐसी टिप्पणियाँ स्वीकार नहीं की जा सकतीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके दादा ने 75 साल जनता की सेवा की है।