इंडियन आर्मी का जोरदार जवाब, पाकिस्तान की सैन्य प्रणाली तबाह
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति नहीं है। इसी सिलसिले में रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस ब्रीफिंग का आयोजन किया, जिसमें सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खुली
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने लगातार झूठे और भ्रामक दावे किए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह कहा था कि उसने भारत की ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली और S-400 डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुँचाया है, लेकिन ये दावे पूरी तरह से गलत और आधारहीन हैं। भारत की ये रक्षा प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित और सक्रिय है।
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान
कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के कुछ एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की सटीक और तेज़ जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएँ पूरी तरह तबाह हो गईं। कई पाकिस्तानी एयरफील्ड और अहम ठिकानों को भारतीय सेना ने निशाना बनाते हुए भारी नुकसान पहुँचाया है।
मस्जिदों पर हमले के दावे भी झूठे
प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल कुरैशी ने एक और महत्वपूर्ण बात स्पष्ट की — पाकिस्तान की ओर से यह भी कहा गया कि भारतीय सेना ने मस्जिदों को नुकसान पहुँचाया है, लेकिन यह दावा भी पूरी तरह गलत निकला। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाती है और किसी धार्मिक स्थल को नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
एलओसी के पास पाकिस्तान की ताकत खत्म
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास पाकिस्तान की सैन्य तैनाती और हमले की ताकत को भी भारतीय सेना ने पूरी तरह खत्म कर दिया है। अब वहां पाकिस्तान की कोई भी रणनीतिक या रक्षात्मक ताकत सक्रिय नहीं है।
भारत पूरी तरह तैयार और सतर्क
ब्रीफिंग के अंत में कर्नल ने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क, सक्षम और किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि देश की सुरक्षा और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
भारत ने न केवल पाकिस्तान के झूठे प्रचार का करारा जवाब दिया, बल्कि युद्ध के मैदान में भी स्पष्ट संदेश दे दिया कि भारतीय सेना हर मोर्चे पर तैयार और मजबूत है। यह सैन्य कार्रवाई न सिर्फ दुश्मन को जवाब देने वाली रही, बल्कि देशवासियों को भी यह भरोसा दिलाने वाली रही कि उनकी रक्षा मज़बूत हाथों में है।