शरीर में Hemoglobin (हेमोग्लोबिन) स्तर बढ़ने के संकेत और सावधानियां
Hemoglobin का बढ़ा हुआ स्तर स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक हो सकता है। जब किसी व्यक्ति में हेमोग्लोबिन का लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है, तो खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या बढ़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाइड्रेशन, संतुलित डाइट, और नियमित एक्सरसाइज से हेमोग्लोबिन के बैलेंस्ड लेवल को बनाए रखा जा सकता है। किसी भी चीज की अत्यधिक मात्रा, चाहे वह ज्यादा हो या कम, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। अगर हेमोग्लोबिन का लेवल कम होता है, तो इसकी जांच करानी पड़ती है, वहीं अगर यह अधिक हो जाता है तो यह भी चिंता का विषय है।
Hemoglobin क्या है?
हेमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में होता है और यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने का कार्य करता है। हैदराबाद के ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल्स के क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. मनींद्र के अनुसार, अगर पुरुषों में हेमोग्लोबिन का लेवल 16.6 ग्राम/डीएल से अधिक और महिलाओं में 15 ग्राम/डीएल से अधिक हो जाता है, तो ब्लड गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा हो सकता है।
Hemoglobin बढ़ने के कारण
हेमोग्लोबिन का स्तर विभिन्न कारणों से बढ़ सकता है। डॉ. मुरलीधरन सी, कंसल्टेंट हेमेटोलॉजिस्ट, बताते हैं कि अगर आप पूरे दिन पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो डिहाइड्रेशन के कारण ब्लड वॉल्यूम कम हो सकता है। इसके अलावा, किसी व्यक्ति को हार्ट की समस्या, फेफड़ों की बीमारी, या कोई ब्लड डिसऑर्डर होने पर भी हेमोग्लोबिन की सांद्रता बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य समस्याएं
- Hypertension(हाइपरटेंशन): हेमोग्लोबिन के बढ़ने से ब्लड की चिपचिपाहट (viscosity) बढ़ सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है।
- Blood clot(ब्लड क्लॉट): हेमोग्लोबिन बढ़ने से खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लड क्लॉट होने का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और डीप वेन थ्रोम्बोसिस का कारण बन सकती है।
- थकान और चक्कर: कई लोगों को ऑक्सीजन कैरी करने की क्षमता अधिक होने के बावजूद थकान और चक्कर महसूस होता है।
उपचार
डॉ. मनेंद्र बताते हैं कि Hemoglobin बढ़ने का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। उपचार में थेरेपेटिक फ़्लेबोटॉमी या रेड ब्लड सेल्स प्रोडक्शन को कम करने वाली दवाएं शामिल होती हैं, जो रक्त के थक्के बनने के जोखिम को कम करती हैं।
उम्र के हिसाब से हेमोग्लोबिन स्तर
हेमोग्लोबिन का सामान्य स्तर उम्र और जेंडर के अनुसार भिन्न होता है। बच्चों में यह स्तर 11.0 से 16.0 g/dL के बीच होता है। वयस्क महिलाओं के लिए यह 12.0 से 15.0 g/dL और पुरुषों के लिए 13.5 से 18.0 g/dL के बीच होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान, हेमोग्लोबिन का स्तर 10.0 g/dL से ऊपर रहना चाहिए।
खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें – पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
हेमोग्लोबिन संतुलन बनाए रखने के उपाय
डॉ. मुरलीधरन के अनुसार, हेमोग्लोबिन के स्तर को बैलेंस्ड रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है। बैलेंस्ड डाइट लेना, रोज पर्याप्त पानी पीना, जूस और फल लेकर शरीर को हाइड्रेट रखना, नियमित 45 मिनट एक्सरसाइज करना, और स्ट्रेस कम लेना जैसे उपाय हेमोग्लोबिन के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और अल्कोहल के सेवन को कम करके भी स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
इस प्रकार, हेमोग्लोबिन का संतुलित स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।