‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने अपनी मांगों की सूची जारी की, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग है।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और एससी-एसटी आरक्षण को वापस लेने की मांग के लिए भारत बंद की घोषणा पर कहा, “सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से समझना होगा। सरकार को सभी वर्गों के बारे में संवेदनशीलता से सोचना चाहिए।”
भीम आर्मी के प्रमुख ने क्या कहा
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है, जिसमें एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण और “क्रीमी लेयर” अवधारणा को लागू करने की अनुमति दी गई थी।
यूपी में भारत बंद का असर:
आरक्षण समर्थक समूहों के आह्वान पर लखनऊ के आंबेडकर चौक पर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इकट्ठा हुए। प्रयागराज में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) को तैनात किया गया। आगरा और कानपुर में भी प्रदर्शन हुए। अन्य जिलों में भी आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शन और जुलूस निकाले गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बिजनौर, सहारनपुर और आसपास के जिलों में विरोध मार्च निकाला। हालांकि, उत्तर प्रदेश में बंद का असर मामूली रहा और ज्यादातर दुकानें खुली रहीं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया था।
डीजीपी प्रशांत कुमार का बयान:
उत्तर प्रदेश DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि भारत बंद के मद्देनजर पूरे राज्य में पुलिस की कड़ी निगरानी है। सभी पक्षों से संवाद किया गया है, और स्थिति नियंत्रण में है। कानून-व्यवस्था को किसी भी स्थिति में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।