Kuber Temples in India: जहां Diwali-Dhanteras पर होती है धन की वर्षा
भारत में कई मंदिर धन की देवी लक्ष्मी और अन्य देवताओं को समर्पित हैं, लेकिन कुबेर देव के मंदिरों का खास महत्व है। माना जाता है कि कुबेर भगवान धन के देवता हैं और इनकी पूजा से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है। दिवाली और धनतेरस के अवसर पर इन मंदिरों में विशेष भीड़ देखी जाती है। आइए जानते हैं भारत के कुछ प्रमुख कुबेर मंदिरों (Kuber Temples in India) के बारे में, जहां धन की वर्षा होने की मान्यता है।
उत्तराखंड का कुबेर मंदिर
उत्तराखंड के अल्मोड़ा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित जागेश्वर धाम में कुबेर मंदिर (Kuber Temples) है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहां से नजारा बहुत सुंदर दिखाई देता है। दिवाली और धनतेरस के अवसर पर भक्त इस मंदिर में विशेष रूप से पहुंचते हैं। यहां के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त धनतेरस या दिवाली पर यहां कुबेर पूजा (kuber puja) करता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता।
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप नैनीताल या अल्मोड़ा से लोकल बस, टैक्सी या कैब का उपयोग कर सकते हैं। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जहां से अल्मोड़ा और नैनीताल के लिए बसें उपलब्ध होती हैं। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं, तो यहां के लिए सीधी बस सेवा भी है।
गुजरात का कुबेर भंडारी मंदिर
गुजरात के वडोदरा शहर में स्थित कुबेर भंडारी मंदिर का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जो इसके धार्मिक महत्व को और बढ़ाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने खुद इस मंदिर का निर्माण किया था। दिवाली और धनतेरस के अवसर पर यहां भारी भीड़ होती है, और मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों को कभी धन की कमी नहीं होती।
मंदिर वडोदरा से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां तक पहुंचने के लिए वडोदरा से टैक्सी या कैब उपलब्ध हैं। गुजरात के हर बड़े शहर से वडोदरा के लिए ट्रेनों की सुविधा भी है, जिससे यहां आना बेहद आसान हो जाता है।
मध्य प्रदेश के कुबेर मंदिर
मध्य प्रदेश में तीन प्रमुख कुबेर मंदिर हैं। पहला मंदसौर में, दूसरा उज्जैन में और तीसरा खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थित है। हालांकि, इन तीनों में खंडवा का कुबेर मंदिर (kuber temple) सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त है। यहां दर्शन करने से भक्तों की धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही, यहां एक शिवलिंग भी स्थित है, जिसे कुबेर देव ने तपस्या करके स्थापित किया था।
खंडवा का ओंकारेश्वर मंदिर भोपाल से करीब 257 किलोमीटर की दूरी पर है। भोपाल से यहां आने के लिए ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध है, और इंदौर से यह मंदिर लगभग 78 किलोमीटर दूर है।
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कुबेर मंदिरों (kuber temple) की महत्ता
कुबेर देव के मंदिरों (Kuber Temples in India) में दर्शन करना विशेष रूप से धनतेरस और दिवाली के मौके पर शुभ माना जाता है। इन मंदिरों में भक्त अपने परिवार की सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति के लिए प्रार्थना करते हैं। खासतौर पर जिन लोगों पर कर्ज का बोझ होता है, वे कुबेर देवता (kuber devta) से अपने कर्ज से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
निष्कर्ष
भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित कुबेर मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इनकी सांस्कृतिक विरासत भी अद्वितीय है। अगर आप भी इस दिवाली या धनतेरस पर किसी कुबेर मंदिर में दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो उत्तराखंड, गुजरात और मध्य प्रदेश के इन प्रसिद्ध मंदिरों में जरूर जाएं। यहां की धार्मिक आस्था और भव्यता आपके जीवन में धन और समृद्धि लेकर आएगी।