बीते दो दिनों से धींग की महिलाएं एक नाबालिग लड़की के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं। शहर की दुकानें बंद कर दी गई हैं और सैकड़ों महिलाएं हाथों में प्लेकार्ड लिए सुरक्षा की मांग कर रही हैं। उनके प्लेकार्ड पर लिखे नारे जैसे “हमें न्याय चाहिए”, “महिलाओं को सुरक्षा दो”, “रेप को रोकें, रेपिस्ट को मारें” ने उनकी गहरी नाराजगी और सुरक्षा की मांग को दर्शाया है।
इसके अलावा, कई जातीय और छात्र संगठनों के सदस्य भी कड़ी सजा की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। राज्य के विभिन्न शहरों में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
धींग थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, यह सामूहिक बलात्कार की घटना 22 अगस्त को शाम करीब साढ़े 6 बजे की है। पीड़िता ट्यूशन से पढ़ाई कर अपनी साइकिल से घर लौट रही थी, तभी तीन युवकों ने सुनसान रास्ते पर उसका कथित तौर पर अपहरण कर बलात्कार किया। आरोपित घटना के बाद लड़की को बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग गए थे। स्थानीय लोगों ने पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया, और वह अब नगांव मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती है।
इस बीच, गिरफ्तार किए गए एक अभियुक्त की शनिवार तड़के पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि अभियुक्त को वारदात वाली जगह पर ले जाया गया था, जहां उसने भागने की कोशिश की और पास के तालाब में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृत अभियुक्त का नाम तफ़ज़्जुल इस्लाम था और वह तीन आरोपितों में से एक था।
इस घटना पर धींग क्षेत्र की नारी सुरक्षा समिति की सभापत्री तूलिका बोरा ने कहा कि स्थानीय महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और सरकार-प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहे हैं। उन्होंने न्याय की मांग की और कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे चुप नहीं बैठेंगी।
पीड़िता के रिश्तेदारों का कहना है कि लड़की की मां का निधन बचपन में हो गया था, और वह अपने दादा-दादी के साथ रहती है, जबकि उसके पिता गुवाहाटी में काम करते हैं। घटना के दिन जब वह शाम तक घर नहीं लौटी, तो परिवार ने उसे तलाशना शुरू किया। घटना के बाद वह जगह उसके गांव की मुख्य सड़क के पास मिली।
पीड़िता के परिवार का कहना है कि बाकी दो अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया जाए ताकि उन्हें सजा मिल सके। उनका कहना है कि ऐसा न होने पर लोग हमेशा डर में जीएंगे कि उनकी बेटियों के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है।
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल तैनात किए हैं और अन्य अभियुक्तों की तलाश कर रही है। नगांव जिले के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका ने बताया कि इस घटना में आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अभियुक्त तफ़ज़्ज़ुल इस्लाम के परिवार ने पुलिस हिरासत में हुई मौत पर सवाल उठाए हैं। अभियुक्त की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे मारकर तालाब में फेंक दिया। हालांकि, पुलिस अधीक्षक डेका का कहना है कि अभियुक्त से पूछताछ के बाद उसे अपराध स्थल पर ले जाया गया था और उसने भागने की कोशिश की।
अभियुक्त के गांववालों ने घोषणा की है कि वे उसके शव को अपने गांव के क़ब्रिस्तान में दफनाने की अनुमति नहीं देंगे। उनके परिवार ने इसे अन्याय बताया है, क्योंकि अभी तक तफ़ज़्ज़ुल का आरोप कोर्ट में सिद्ध नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर शव 72 घंटे में नहीं लिया जाता, तो पुलिस को दाह संस्कार करना पड़ सकता है।