Fatty Liver Treatment: एक चुटकी हल्दी से पाएं फैटी लिवर में राहत, जानें इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में फैट का जमा होना बढ़ जाता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं – अल्कोहॉलिक और नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर। यह समस्या आमतौर पर मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है। इसे गंभीरता से लेना जरूरी है, क्योंकि समय पर इलाज न हो तो लिवर सिरोसिस, लिवर फेलियर और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
फैटी लिवर के कारण होने वाली समस्याएं
फैटी लिवर से लिवर में सूजन, लिवर फाइब्रोसिस, और लिवर सिरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, दिल की बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या भी फैटी लिवर से जुड़ी होती हैं।
हल्दी से फैटी लिवर में राहत
हल्दी, जो कि हर घर की रसोई में मिलती है, फैटी लिवर की समस्या में बेहद फायदेमंद हो सकती है। हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन (curcumin) लिवर में सूजन को कम करता है और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। हल्दी लिवर की सफाई करके जमा हुए अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करती है।
किस प्रकार की हल्दी का उपयोग करें?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, रसोई में मिलने वाली साधारण हल्दी में कर्क्यूमिन की मात्रा कम होती है, जिससे फैटी लिवर के इलाज में इसका असर थोड़ा कम हो सकता है। इसके लिए मेघालय में पाई जाने वाली “लाकडोंग हल्दी” का उपयोग करना बेहतर है, क्योंकि इसमें कर्क्यूमिन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। अगर यह हल्दी उपलब्ध न हो, तो सामान्य हल्दी का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें?
- हल्दी वाला दूध: रोजाना हल्दी मिलाकर दूध पिएं।
- हल्दी का काढ़ा: लाकडोंग हल्दी से काढ़ा बनाकर पीने से भी फायदा मिलेगा।
- खाने में इस्तेमाल: आप अपने रेगुलर खाने में हल्दी की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
हल्दी के सही इस्तेमाल से आप नेचुरल तरीके से फैटी लिवर की समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं।