ज्योतिष में हर रंग का अपना-अपना अर्थ होता है और सभी रंग अलग-अलग ग्रहों से संबंधित होते हैं। अलग-अलग ग्रहों से संबंधित होने के कारण सभी रंग हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं। आज हम ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से जानते हैं तिरंगे के तीन रंगों के बारे में और इनका संबंध किन ग्रहों से है और ये रंग हर किसी के जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।
ज्योतिष में केसरिया रंग का अर्थ (केसरी रंग)
केसरिया रंग शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वहीं ज्योतिषीय दृष्टिकोण से केसरिया रंग ग्रहों के राजा सूर्य का रंग है। सूर्य को आत्मा, आत्मविश्वास और तेज का कारक भी माना जाता है। अत: ज्योतिषीय दृष्टि से केसरिया रंग हमें आत्मनिर्भरता का संदेश देता है। केसरिया रंग उगते सूरज का रंग भी है जो धरती के कण-कण में नई ऊर्जा भर देता है। इसके साथ ही सूर्य के इस रंग से संबंधित होने से लोकतंत्र भी मजबूत होता है, क्योंकि लोकतंत्र जनता द्वारा चुनी गई सरकार से चलता है और ज्योतिष शास्त्र में सरकार का काम और सरकार का नेतृत्व भी इसी रंग से होता है। केसरिया.
ज्योतिष में सफेद रंग का अर्थ
सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को सफेद रंग का प्रतिनिधि माना जाता है। इसके साथ ही इस रंग का संबंध शुक्र ग्रह से भी है। चंद्रमा मन, माता, स्नेह, सौम्यता आदि का कारक है। वहीं, शुक्र सौंदर्य, भौतिकता, कला आदि का कारक ग्रह है। इसीलिए वैदिक ज्योतिष के अनुसार, भारत के तिरंगे में सफेद रंग न केवल लाभ देता है। यह हमें शांति का संदेश तो देता ही है, साथ ही आपसी प्रेम और सद्भाव बनाए रखने का भी संदेश देता है। तिरंगे का सफेद रंग हमें अपनी रचनात्मकता को बढ़ाने और देश को कलात्मक क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का संदेश भी देता है।
ज्योतिष में हरे रंग का अर्थ
तिरंगे में मौजूद हरा रंग समृद्धि और हरियाली का प्रतीक है। वहीं, वैदिक ज्योतिष में इस रंग को बुध ग्रह से जोड़ा गया है। ज्योतिष में बुध प्रौद्योगिकी, तार्किक क्षमता, व्यापार आदि का कारक ग्रह है और एक सफल राष्ट्र के निर्माण के लिए इन चीजों का होना बहुत जरूरी है। इसलिए वैदिक ज्योतिष के अनुसार हरा रंग हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ-साथ अपने कौशल और बुद्धि से राष्ट्र को मजबूत बनाने का संदेश भी देता है।
ज्योतिष में नीले रंग का अर्थ
इस बात का सूचक है देश के तिरंगे के बीच में बना एक नीला घेरा. वैदिक ज्योतिष में नीले रंग का संबंध शनि से माना जाता है। शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि जनता का कारक भी है। यह रंग संदेश देता है कि राष्ट्र का आधार जनता है और जनता के सहयोग और समर्थन से ही राष्ट्र का चक्र सदैव आगे बढ़ता रहेगा।
निष्कर्ष
इन रंगों का ही असर है कि भारत का लोकतंत्र दिन-ब-दिन समृद्ध होता जा रहा है। वैसे भगवा रंग का संबंध गुरु से भी माना जाता है, जो धर्म और त्याग का भी सूचक है। यही कारण है कि भारत के लोगों की रगों में राष्ट्र के प्रति अटूट श्रद्धा और त्याग की भावना प्रवाहित होती है।