मामला का खुलासा करते हुए पुलिस ने छात्र को रीवा जिले के बिछिया से बरामद कर मामले का पटाक्षेप कर दिया है ।पता चला है कि माँ आर्थिक हालत ठीक न होने की वजह से फीस जमा नहीं कर पा रही थी ,फिर उसने मजबूरी में ऐसा किया था ।
क्या था पूरा मामला
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 22अक्टूबर को फरियादिया (परिवर्तित नाम) माया निवासी ब्यौहारी थाना ब्यौहारी की थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि मेरा लड़का (परिवर्तित नाम) दिव्य उम्र करीब 11 वर्ष 9 माह का जो कि कक्षा 6वीं मे है, जो एक निजी स्कूल में पढता था, सुबह पढ़ने के लिये गया था। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद मेरा लड़का (परिवर्तित नाम) दिव्य को काफी देर तक घर वापस नही आया। तब लड़के की पता तलाश आस पास मोहल्ले, कस्बा ब्यौहारी एवं रिस्तेदारी मे घूम फिरकर एवं फोन लगाकर की लड़के का कोई पता नहीं चलने पर थाना रिपोर्ट करने आई हूँ।फरियादिया की रिपोर्ट पर धारा 137 (2) बी. एन. एस. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था ।
प्रकरण की विवेचना के दौरान यह पाया गया कि उक्त बालक दिनांक 22 अक्कोटूबर की सुबह स्कूल गया था,
किन्तु स्कूल प्रबंधन द्वारा बालक के परिजनों व्दारा बालक की शैक्षणिक सत्र 2024-2025 एवं उसके छोटे भाई की
शैक्षणिक सत्र 2023-2024 एव 2024-2025 की फीस जमा ना करने से बालक को सुबह ही वापस भेज दिया गया था ।शैक्षणिक सत्र 2023-2024 एव 2024-2025 की फीस जमा ना करने से बालक को सुबह ही वापस भेज दिया गया था।स्कूल व्दारा वापस किये जाने पर बालक अपने घर तुरंत ही वापस आ गया था।
बुआ के घर रीवा बस मे बैठाकर भेज दिया
जिसके बाद बालक की माँ द्वारा अपने भाई को गाँव से बुलाया गया तथा स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने के उद्येश्य से यह दर्शाने के लिये की स्कूल प्रबंधन/प्राधानाचार्य व्दारा बालक को वापस किये जाने से कोई उसका अपहरण कर लिया गया है एवं वह बच्चा गायब है, ऐसा प्लान करते हुये बालक को उसके बुआ के घर रीवा बस मे बैठाकर भेज दिया गया। बालक को बस में उसके मामा एव माँ द्वारा ही बैठाया गया था तथा प्लान के मुताबिक थाना ब्यौहारी मे उपस्थित आकर अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
दो दिनों तक रुका रहा बुआ के घर
ब्यौहारी पुलिस द्वारा प्रकरण के अनुसंधान के दौरान यह पाया गया कि बालक स्कूल से गायब नहीं हुआ था ।बल्कि स्कूल प्रबंधन व्दारा वापस किये जाने पर घर आ गया था तथा सुनियोजित साजिश के तहत बालक को रीवाबालक को घर से बिजली तिराहा छोड़ने हेतु मामा एव माँ को ले जाते अन्य साक्षी गण द्वारा देखा गया था तथा इस संबंध मे सीसीटीव्ही फुटेज भी पुलिस द्वारा प्राप्त किये गये हैं। तय प्लान के मुताबिक बालक दिनांक 22.अक्टूबर को शाम को रीवा अपने बुआ के घर पहुंच गया था पहुंचकर दिनांक 22 व 23अक्टूबर को रीवा मे बुआ के घर रुका रहा।
मुझे कोई पकड़कर लाया था
अगले दिन दिनांक 24 अक्टूबर को बालक की माँ द्वारा बालक को रीवा के बिछिया थाना ले जाकर पुलिस को
यह बताने हेतु कहे जाने कि मुझे कोई पकड़कर लाया था, बालक द्वारा बिछिया थाना जाकर उक्त बात बताया गया।
थाना बिछिया जिला रीवा से ब्यौहारी पुलिस को सूचना प्राप्त होने पर बालक को अपने सुपुर्दगी मे लेकर पूछताछ
किये जाने पर उक्त झूठी अपहरण की साजिश का खुलासा हो सका है। पुलिस व्दारा बालक के माँ से भी पूछताछ
किये जाने पर उसके व्दारा भी स्कूल प्रबंधन व्दारा फीस हेतु दबाव बनाने से परेशान होकर सबक सिखाने हेतु बालक
को उसके बुआ के घर रीवा भेजकर उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराना बताया गया। स प्रकार ब्यौहारी पुलिस व्दारा तत्परता का परिचय देते हुये गायब बालक को दस्तयाब कर इस झूठे अपहरण की साजिश का खुलासा किया गया है।
इस खुलासे एवं अपहृत बालक की दस्तयाबी मे थाना ब्यौहारी के निरीक्षक अरूण पाण्डेय, उप निरीक्षक मोहन पड़वार, सहायक उप निरीक्षक गया प्रसाद कन्नौजे, प्रधान आरक्षक नरेन्द्र उपाध्याय, आरक्षक अमृत यादव, गंगासागर गुप्ता, आसंजय द्विवेदी, माधुरी साहू, त्रिलोक सिंह, एवं सत्रुधन सिंह सेंगर की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।