क्या खांसी की दवा या नशे का सामान? बांग्लादेश में भारतीय कफ सिरप की बढ़ती मांग, BSF ने 3,000 बोतलें जब्त की
भारत से बांग्लादेश में कफ सिरप की तस्करी एक गंभीर मुद्दा बनती जा रही है। तस्कर भारतीय कफ सिरप को विभिन्न तरीकों से बांग्लादेश पहुंचा रहे हैं। यह सिरप न केवल खांसी के इलाज के लिए प्रयोग किया जा रहा है, बल्कि नशे के रूप में भी इसका उपयोग हो रहा है।
BSF ने हाल ही में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कफ सिरप जब्त की है। पिछले दो महीनों में, भारतीय सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर कफ सिरप की तस्करी के प्रयासों को नाकाम किया है। तस्करों ने बताया है कि बांग्लादेश में भारतीय कफ सिरप का उपयोग कई तरीकों से हो रहा है, जिसमें खांसी के इलाज के साथ-साथ नशा करने के लिए भी इसका सेवन किया जा रहा है।
तस्करी की वारदातें पश्चिम बंगाल के रास्ते हो रही हैं। बीएसएफ ने 29 अक्टूबर को उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में कफ सिरप की 3,000 से अधिक बोतलें जब्त कीं।
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बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में भारतीय कफ सिरप की भारी मांग है। कुछ दिनों पहले मुर्शिदाबाद जिले में, बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर 13,602 बोतलें जब्त की थीं। बीएसएफ के डीआईजी एन. के. पांडे ने बताया कि इस प्रकार की तस्करी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, सीमा पर सुरक्षा उपायों को और सख्त किया गया है।
मेडिकल स्टोरों पर कफ सिरप की कमी। बांग्लादेश में तस्करी के कारण, भारतीय सीमावर्ती इलाकों के मेडिकल स्टोर पर कफ सिरप अक्सर आउट ऑफ स्टॉक रहती है। पश्चिम बंगाल में इसकी मांग इतनी अधिक है कि तस्कर इसे एमआरपी से भी अधिक कीमत पर खरीदने के लिए तैयार हैं, फिर भी बांग्लादेश में इसकी मांग कभी कम नहीं होती।
इस तरह की गतिविधियों पर बीएसएफ जवान सतर्कता बरत रहे हैं ताकि देश की सीमा सुरक्षित रहे और अवैध तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके।