मध्य प्रदेश के रीवा जिले में नवरात्रि की शुरुआत से ठीक पहले मां जालपा की प्राचीन मूर्ति के साथ एक युवक द्वारा की गई बर्बरता का एक गंभीर मामला सामने आया है। शंकरपुर गांव में यह बीते शाम करीब पांच बजे घटी, जब युवक ने मंदिर में रखी मां की प्रतिमा पर पैर रखकर खड़ा हो गया और बाद में उसे दूर फेंक दिया। गांव की एक महिला ने जब युवक को यह घिनौना काम करते देखा, तो उसने तुरंत ग्रामीणों को सूचित किया। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी फैल गई। आरोपी की पहचान हिंचलाल साकेत के रूप में हुई है, जो पास के ही गांव का निवासी बताया जा रहा है।
गुस्साए ग्रामीणों ने इस गंभीर मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की और नई गढ़ी थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इसके बाद, स्थानीय लोग मंदिर के पास धरने पर भी बैठ गए। मौके पर पहुंचे एसडीएम संजय जैन ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, जिसके बाद वे शांत हुए। लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, और उन्होंने आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की मांग की है।
गांव के लोग इस घटना को लेकर बेहद नाराज हैं, क्योंकि मां की मूर्ति उनके लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। गांव में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है, जिस पर जालपा माता की प्रतिमा के साथ-साथ रामभक्त हनुमान जी और बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग भी स्थापित है। यहां पूजा-पाठ के अलावा, शादी के बाद नई दुल्हन से भी पूजा कराई जाती है और बच्चों के मुंडन जैसे धार्मिक कार्य भी इसी मंदिर में होते हैं। इस प्रकार, मूर्ति के साथ की गई यह अपमानजनक हरकत स्थानीय लोगों के धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है।
मूर्ति के साथ हुई इस बर्बरता के बाद, ग्रामीणों ने उसे शुद्धिकरण के लिए तमस नदी में रख दिया था। जब एसडीएम संजय जैन गांव पहुंचे, तो उन्होंने ग्रामीणों को समझा कर मूर्ति को नदी से निकलवाया और फिर से चबूतरे पर स्थापित किया। ग्रामीण अब यह चाह रहे हैं कि आरोपी पर उचित कार्रवाई की जाए और उसके घर पर बुलडोजर चलाया जाए ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो सकें। इस प्रकार, इस घटना ने गांव में न केवल गुस्सा पैदा किया है, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं।