जिसके बाद राज्यपाल ,मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कमिश्नर को सौंपा ।जिसके माध्यम से जिला प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर सिविल सर्जन को अगर पद से हटाकर उन पर लगाए जा रहे आरोपों की न्याययिक जांच नहीं कराई जाती तो गोंगपा राजधानी भोपाल में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी । इस विशाल आन्दोलन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्तमान विधायक छत्तीसगढ़ तुलेश्वर सिंह मरकाम , राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते , राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर, अजय प्रताप सिंह पूर्व राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी,प्रदेश उपाध्यक्ष तेज प्रताप सिंह तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (G.G.P.) जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह कुशराम समेत सैकड़ों गोंगपाईयों व आमजन मौजूद थे
सीएस पर लगाए आरोप
गोंगपा द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा . जी एस परिहार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गये हैं । जिसमे आरोपित किया गया है कि कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में कई वर्षों से पदस्थ भ्रष्ट सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार द्वारा महिला चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अपनी बुरी मंशा के लिए प्रताड़ना दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इनके द्वारा जिला चिकित्सालय के तमाम मदों में खुला भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
महिला दंत चिकित्सक ने सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार द्वारा अभद्रता, प्रताड़ना की गई थी जिसकी निष्पक्ष जांच होने तक इन्हे सिविल सर्जन पद से अन्य जगह हटाकर जांच करने की मांग की गई थी किंतु कलेक्टर शहडोल से साठगांठ करके तथा अस्पताल के कई डॉक्टर अथवा कर्मचारियों पर दबाव डाल के पीड़ित महिला चिकित्सक के विरुद्ध ही रिपोर्ट बनाकर उन्हें न्याय देने की जगह यहां से हटा दिया गया, जो बेहद आश्चर्यजनक एवं महिला सुरक्षा से जुड़ी गंभीर घटना है। वहीं एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने भी सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार पर गंभीर आरोप लगाए किंतु शिकायत को पीड़ित महिला के पति के निलंबन से जोड़कर सिविल सर्जन को पुनः बचा लिया गया।
खरीद फरोख्त में कमीशन खोरी का भी आरोप
शासन द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए प्रदाय राशि का बंदर बाँट खरीद फरोख्त में कमीशन खोरी समेत, रेड क्रॉस, रोगी कल्याण समिति के अलावा अन्य मदो पर कलेक्टरों के मिली भगत से करोड़ों के भ्रष्टाचार इनके द्वारा किया गया है जिसकी आज तक गंभीरता से जांच नहीं की गई। कुछ जांच हुई तो उनमें सिविल सर्जन के विरुद्ध कार्यवाही के वजह सिविल सर्जन को नसीहत देकर अफसरों ने अभय दान दे दिया। जिला चिकित्सालय में खुलेआम गरीब आदिवासियों से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर सिविल सर्जन द्वारा संबंधित चिकित्सको के माध्यम से खुली लूट की जा रही है, शिकायत के बावजूद भी आज तक जिम्मेदार सिविल सर्जन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आन्दोलन करने मजबूर हुए हम
गोंगपाइयों ने कहा कि सिविल सर्जन डॉ जी एस परिहार को पद से हटाकर महिला स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की गई शिकायत पर न्यायिक जांच हेतु राष्ट्रपति राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम पूर्व में हम लोगो द्वारा ज्ञापन सौपा गया था ,किंतु हमारे ज्ञापन को आपके द्वारा किसी भी रूप में गंभीरता से नहीं लिया गया। आज दिनांक तक इसे संज्ञान में नहीं लेने से गोंडवाना
गणतंत्र पार्टी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिए आज मजबूर हुई है।
डिग्री पर उठाए सवाल
प्रदर्शन कारीयों ने डाक्टर परिहार की डिग्री को लेकर भी सवाल उठाए । आरोप लगाया गया किवह सांठगांठ कर दंत विशेषज्ञ बने है क्योकि कोई भी डॉक्टर ग्रेजुएट डिग्री करने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं बन सकता परंतु डॉक्टर जी एस परिहार ने दांतों की ग्रेजुएशन डिग्री बीडीएस की है तो फिर बगैर एमडीएस डिग्री के दंत विशेषज्ञ कैसे हो सकते है। दूसरा बिंदु यदि यह भी मान लिया जाय कि इनको 2016 में इन्हें विशेषज्ञ का दर्जा दे भी दिया गया है तो सिविल सर्जन के लिए पदोन्नति कैसे हो गए। जबकि सिविल सर्जन की डीपीसी में 2012 बैच के विशेषज्ञ के बाद के किसी भी विशेषज्ञ को सिविल सर्जनन नहीं बनाया गया है। तो इनका नंबर एकदम 2016 के मेरिट लिस्ट में कैसे आ सकता है यह भी मिलजुलकर फर्जी तरीके से प्रमोशन दिया है।