लाल केले (Red Banana) की खेती से किसान कमा सकते हैं बंपर मुनाफा, जानें पूरी विधि
जून से होती है लाल केले की रोपाई ((Red Banana))
लाल केले की खेती का सबसे सही समय जून का महीना माना जाता है, जब इसके पौधों की रोपाई शुरू होती है। इस बार भी दक्षिण भारत के कई किसानों ने 20 जून से इसकी रोपाई कर दी है। करीब 12 महीनों में पौधों में फूल आना शुरू हो जाता है, और 15 महीने बाद फलों की कटाई की जाती है। खास बात यह है कि एक ही जगह पर तीन बार फसल ली जा सकती है, जिससे किसानों को अच्छी कमाई होती है।
भारत में बढ़ रही है लाल केले की मांग (Red banana in India)
केला भारत में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला फल है, और इसकी खास प्रजाति लाल केले में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। देश में लाल केलों की मांग लगातार बढ़ रही है, और साथ ही इसकी विदेशों में भी काफी डिमांड है। इसकी खेती किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकती है।
खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी का चयन करें (Farming of Red Banana)
लाल केले की खेती के लिए उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त मानी जाती है। इस तरह का मौसम इसके पौधों को अच्छे परिणाम देने में सहायक होता है। इसके अलावा, कार्बनिक और जल निकासी वाली बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी में इसे उगाना सबसे अच्छा होता है। इस प्रकार की मिट्टी में पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फसल की क्वालिटी बेहतर होती है।
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तरीके और दूरी का ध्यान रखें
लाल केले के पौधों को Tissue Culture या Suckers विधि से उगाया जा सकता है। यदि किसान Suckers विधि से पौधे लगाते हैं, तो उनकी लंबाई 1-2 फीट होनी चाहिए, और पौधों के बीच में 6-9 फीट की दूरी रखनी चाहिए, ताकि पौधों का सही विकास हो सके। साथ ही, रोपाई के समय मिट्टी में सड़ी हुई गोबर खाद और जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
विदेशों में भी लाल केले की जबरदस्त डिमांड
लाल केले की डिमांड न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी तेजी से बढ़ रही है। विदेशों में इसके पोषक तत्वों के कारण यह विशेष फलों में गिना जा रहा है, जिससे किसानों को इसके अच्छे दाम मिल सकते हैं।