हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत ने दिल्ली भाजपा को एक नया बूस्टर डोज दिया है। पार्टी इसे अपने कार्यकर्ताओं के लिए संजीवनी मान रही है और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में डबल इंजन की सरकार बनाने के अभियान को भुनाने की तैयारी कर रही है। चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भाजपा के इस नारे पर हमला बोला था, लेकिन अब भाजपा इन नतीजों के आधार पर अपने विरोधियों को घेरने की रणनीति बना रही है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हरियाणा की जनता ने एक बार फिर से कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति को खारिज कर डबल इंजन सरकार में विश्वास जताया है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हरियाणा के परिणामों से यह स्पष्ट है कि दिल्ली की जनता भी केजरीवाल को ठुकरा देगी।
दूसरी ओर, हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी को निराशा का सामना करना पड़ा है, क्योंकि वह वहां कोई सीट नहीं जीत सकी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के डोडा में मिली एक सीट से पार्टी के नेता खुश हैं।
कांग्रेस की हार ने दिल्ली में पार्टी की चुनावी तैयारियों को झटका दिया है। हार से कांग्रेस की संभावनाएं कमजोर हुई हैं, खासकर जब दिल्ली और हरियाणा की राजनीति आपस में जुड़ी हुई है। पार्टी अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की तैयारी कर रही है।
कुल मिलाकर, हरियाणा चुनाव के परिणामों का दिल्ली की सियासत पर गहरा असर पड़ने वाला है, जिसमें भाजपा आक्रामक रुख अपनाएगी, जबकि कांग्रेस और आप को अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए नए प्रयास करने होंगे।