मोदी सरकार को प्रमुख नियुक्तियों का निर्णय लेना है
केंद्र की मोदी सरकार को अगले कुछ महीनों में चार महत्वपूर्ण appointments पर विचार करना है। ये appointments सीएजी, आरबीआई गवर्नर, मुख्य आर्थिक सलाहकार और सेबी के अध्यक्ष से संबंधित हैं। वर्तमान में, जी एस मुर्मू का CAG पद का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है, जबकि शक्तिकांत दास और वी अनंत नागेश्वरन के कार्यकाल को लेकर भी चर्चा हो रही है।
सीएजी के लिए नई नियुक्ति
जी एस मुर्मू का कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार को नए CAG की नियुक्ति करनी होगी। Reports के अनुसार, मुर्मू को दूसरा कार्यकाल नहीं दिया जा सकता, जिससे मोदी सरकार को एक भरोसेमंद bureaucrat को इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त करना होगा। यह appointment केंद्र के खर्च और वित्तीय लेखा-जोखा पर नजर रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आरबीआई गवर्नर का प्रदर्शन
शक्तिकांत दास, जो भारतीय रिजर्व बैंक के Governor हैं, के कार्यकाल पर भी निर्णय लिया जाना है। दास ने 2018 में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद इस पद को संभाला था और उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय क्षेत्र को कुशलता से manage किया गया है। दास को वित्त मंत्रालय के साथ अच्छे relations के लिए भी जाना जाता है, जो उनके पूर्ववर्ती गवर्नरों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। यह देखा जाना है कि क्या सरकार उन्हें एक और कार्यकाल देना चाहती है या नए गवर्नर की तलाश में है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार की स्थिति
आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति के एक महीने बाद, सरकार को वी अनंत नागेश्वरन के भविष्य पर भी निर्णय लेना होगा। Budget प्रक्रिया शुरू होने के पहले, यह महत्वपूर्ण होगा कि सरकार उनके कार्यकाल को बढ़ाने पर विचार करे। Chief Economic Advisor का पद बजट के लिए महत्वपूर्ण technical inputs प्रदान करने का कार्य करता है, और नागेश्वरन की भूमिका इस प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण है।
सेबी अध्यक्ष के लिए दुविधा
चौथी प्रमुख नियुक्ति सेबी के अध्यक्ष पद के लिए है। इस विषय पर मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी dilemma यह है कि वर्तमान अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर irregularities और हितों के टकराव के आरोप लगे हैं। जबकि बुच ने इन आरोपों से इनकार किया है, सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या एक civil servant जैसे किसी व्यक्ति को ऐसे महत्वपूर्ण regulatory पद पर रखना सही होगा।
बुच को 1 मार्च, 2022 को तीन साल के लिए सेबी प्रमुख नियुक्त किया गया था, और वे नए कार्यकाल के लिए eligible हैं। उनके तीन पूर्ववर्ती सीबी भावे, जी एन बाजपेयी और एम दामोदरन भी तीन साल के कार्यकाल के लिए इस पद पर रहे हैं।
इन चार महत्वपूर्ण पदों—CAG, RBI Governor, Chief Economic Advisor और SEBI Chairman—पर जल्द ही निर्णय लेना आवश्यक है। यह निर्णय न केवल सरकार की कार्यप्रणाली को प्रभावित करेगा, बल्कि देश की economic policy और वित्तीय स्थिरता पर भी गहरा असर डालेगा।