प्रशांत किशोर: वैनिटी वैन, ₹25 लाख का रोजाना खर्च, प्रशांत किशोर का VIP धरना-प्रदर्शन!
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की सियासत में एक बार फिर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। इस बार उनका ध्यान बीपीएससी छात्रों के आंदोलन पर है, जिसके समर्थन में उन्होंने गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया है। हालांकि, इस आंदोलन से ज्यादा उनकी वैनिटी वैन चर्चा में आ गई है, जिसके बारे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
वैनिटी वैन की चर्चा
प्रशांत किशोर के अनशन के दौरान उनकी वैनिटी वैन ने काफी सुर्खियाँ बटोरी हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वैनिटी वैन करोड़ों रुपये की है और इसमें सभी प्रकार की हाईटेक सुविधाएं मौजूद हैं। वैन में गद्देदार सोफा, एसी, पंखा, आलीशान बेड और यहां तक कि वॉशरूम जैसी सुविधाएं भी हैं। सोशल मीडिया पर ये वैनिटी वैन वायरल हो गई है और इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।
प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन का किराया
बिहार भाजपा के नेता नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर अपनी राजनीति चमकाने के लिए छात्रों के आंदोलन का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर ने पंजाब से यह वैनिटी वैन किराए पर मंगवाई है, जिसका किराया ₹25 लाख प्रति दिन है। नीरज कुमार ने इसे एक विरोधाभास बताया, क्योंकि एक ओर तो वे छात्रों के आंदोलन में शामिल होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर उन्हें वैनिटी वैन में आराम मिलता है, जिसमें सभी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह वैनिटी वैन उनके अनशन और आंदोलन के उद्देश्य से मेल नहीं खाती।
प्रशांत किशोर की राजनीति और विवाद
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का बिहार में राजनीतिक भविष्य काफी दिलचस्प हो सकता है। वे अपनी जन सुनवाई और आंदोलन के जरिए बिहार की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उनके द्वारा उठाए गए कदम और विवादों की झड़ी उनके खिलाफ भी हो सकती है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि वे केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसे आंदोलनों का हिस्सा बन रहे हैं, बजाय इसके कि वे वास्तविक रूप से छात्रों के हित में काम करें।
समर्थन और विरोध दोनों ही हो रहे हैं
प्रशांत किशोर के अनशन को लेकर कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी लगातार उन पर आरोप लगा रहे हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे बिहार के छात्रों की समस्याओं को उठाने के बजाय सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं।
इस बीच, प्रशांत किशोर का अनशन और उनकी वैनिटी वैन का मामला सुर्खियों में बना हुआ है और यह देखा जाना बाकी है कि वे इस राजनीतिक खेल में कितना सफल हो पाते हैं।