शहडोल।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नम्बर 5, बिलियस नम्बर 1 निवासी दिग्विजय सिँह पिता स्वर्गीय राजमणि सिँह बुधवार सुबह बाजार से अपनी बुलेट क्रमांक एमपी 18 एमएल 4236 से उतरे और खड़ी स्टैंड मे लगाई तो उन्हें धुंआ निकालता नजर आया। इससे पहले कि उन्हें कुछ समझ आ पाता गाड़ी से आग की लपटे निकलने लगी। जिसे देख वहाँ अफरा तफरी मच गयीं। ज़ब तक आग को बुझाया जाता, गाड़ी पूरी तरह जलकर ख़ाक हो चुकी थी।
अस्पताल से फायर सेफ्टी यँत्र निकला खाली
बुलेट मे जिस जगह आग लगी, वह स्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपुरी से महज चंद कदम दूर था। ज़ब लोगो ने देखा कि बुलेट से आग की लपटे निकल रही है, तो कुछ लोग दौड़कर अस्पताल गए। और वहाँ से अग्नि शमन यँत्र की मांग की। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने टाल मटोल करते हुए उन्हें लौटा दिया। इस बीच घटना की जानकारी लगने के बाद श्री सिंह के छोटे भाई एसपी सिँह (वार्ड पार्षद के पति ) वहाँ पहुंचे। ज़ब वह अस्पताल अग्नि शमन यँत्र लेने गए तो बहरहाल उन्हें अग्नि शमन यँत्र दे दिया गया। लेकिन घटना स्थल के पास जब उसे लाया गया तो वह पूरा खाली था। इसके बाद अस्पताल से दूसरा अग्निशमन यँत्र लाया गया, वह भी चंद सेकण्ड ही काम आया। क्योकि वह भी लगभग खाली ही था।
अस्पताल मे होता हादसा तो क्या होता?
सवाल यह उठ रहा है की बीच सड़क बुलेट जली तो किसी प्रकार की जनहानि नही हुईं लेकिन अगर कोई अग्नि हादसा अस्पताल मे होता तो यह खाली अग्नि शमन यँत्र किस काम मे आते। यह अस्पताल प्रबंधन की घोर लापर वाही को उजागर कर रहा है।