दिल्ली के सीएम ऑफिस का आज का नजारा बदला हुआ था। दो कुर्सियाँ लगी हुई थीं—एक पर नई मुख्यमंत्री आतिशी बैठी थीं, जबकि दूसरी, जिस पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे, खाली रखी गई थी। आतिशी ने पदभार संभालते हुए स्पष्ट किया कि सीएम की यह कुर्सी केजरीवाल के लिए ही खाली रहेगी, जो उनके नेतृत्व और पार्टी के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
आतिशी ने सीएम का कार्यभार संभालने के बाद कुर्सी खाली रखने की वजह बताते हुए कहा, “मेरी स्थिति आज वैसी ही है जैसी भरत की थी, जब भगवान राम 14 साल के लिए वनवास पर गए थे और भरत को शासन का भार संभालना पड़ा था। भरत ने भगवान राम की पादुकाएं रखकर उनकी अनुपस्थिति में शासन किया, और उसी भावना से मैं भी अगले चार महीने तक दिल्ली सरकार चलाऊंगी।” उन्होंने अरविंद केजरीवाल की मर्यादा और नैतिकता की सराहना करते हुए कहा कि “पिछले दो साल से बीजेपी ने उनकी छवि खराब करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, लेकिन उन्होंने नैतिकता की मिसाल कायम की है।”
आतिशी ने आगे कहा, “अरविंद केजरीवाल पर झूठे मुकदमे लगाए गए, उन्हें गिरफ्तार किया गया, और छह महीने के लिए जेल में रखा गया। लेकिन उन्होंने हमेशा ईमानदारी और सच्चाई का साथ दिया है। अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक दिल्ली की जनता उनके प्रति अपना भरोसा फिर से नहीं जताती, तब तक वे सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है, और मुझे विश्वास है कि दिल्ली की जनता उन्हें फिर से अपना मुख्यमंत्री चुनेगी। तब तक यह कुर्सी उनके इंतजार में खाली रहेगी।”
आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने 21 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके साथ वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं। शपथ ग्रहण के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छूकर उनका मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। शपथ लेने के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली के वास्तविक मुख्यमंत्री हैं और वह इस पद को सिर्फ अस्थायी रूप से संभाल रही हैं। आतिशी ने वादा किया कि अपने कार्यकाल के दौरान वह दिल्ली के विकास और जनता की भलाई के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगी। उनके साथ गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत समेत पांच अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली थी।
आतिशी भले ही दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं, लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ पांच-छह महीने का होगा। फरवरी 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों तक ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। आतिशी ने सीएम पद संभालते ही स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली का असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस भूमिका को अस्थायी रूप से निभा रही हैं और केजरीवाल के मार्गदर्शन में दिल्ली के विकास और जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगी।