Maharashtra Election Campaign में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का भाजपा पर हमला
Maharashtra Election Campaign के प्रचार के लिए शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नागपुर पहुंचे। भाजपा के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर कटाक्ष करते हुए खड़गे ने कहा, “योगी के मुंह में राम है और बगल में छुरी। योगी साधु के भेष में आते हैं और फिर बांटने-काटने की बातें करते हैं। असल में बांटने वाले और काटने वाले दोनों वही लोग हैं।”
खड़गे ने ऐतिहासिक संदर्भ में भाजपा और संघ परिवार पर समाज में विभाजन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले ही मनुस्मृति के जरिए लोगों को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, और अतिशूद्र में बांटा गया था, और तब से समाज को तोड़ते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का हवाला देते हुए खड़गे ने चुनौती दी कि यदि वास्तव में एकता की बात करनी है तो सबसे पहले मनुस्मृति को जलाना होगा।
खड़गे की स्पीच की तीन मुख्य बातें:
1. कांग्रेस ने हमेशा एकता का संदेश दिया: खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी वोटों के लिए लोगों को बांटने का प्रयास नहीं किया। पार्टी ने हमेशा सभी को एकजुट करने का काम किया है। उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी ने अपने जीवन का बलिदान इस एकता के लिए दिया, जबकि उनकी हत्या गोडसे ने की, जो इन्हीं की विचारधारा का अनुयायी था। खड़गे ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का भी जिक्र किया, जिनकी हत्या भी एकजुट भारत के लिए काम करते समय हुई।
2. जनगणना की आवश्यकता: खड़गे ने जातीय आधारित जनगणना को देश के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि भाजपा, कांग्रेस पर जनगणना के बहाने देश को बांटने का आरोप लगाती है। उन्होंने तर्क दिया कि जनगणना हर 10 साल में होती है और यह जरूरी है कि ट्राइबल, बैकवर्ड क्लास और अन्य समुदायों की गिनती हो ताकि उनकी जनसंख्या के अनुसार उन्हें आरक्षण और योजनाओं का लाभ मिल सके। खड़गे ने कहा कि जनगणना के जरिए हमें उनकी गरीबी, शिक्षा और नौकरी से जुड़े आंकड़े मिलेंगे जिससे बेहतर नीतियां बन सकेंगी।
3. मोदी का बांटने वाला दृष्टिकोण: खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वह समाज में केवल विभाजन की बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी को तो चंदा मिलता है और वह खुश हैं, जबकि देश में गरीबों के पास न काम है और न ही शिक्षा। खड़गे ने अंबेडकर के विचार का हवाला देते हुए कहा कि “विद्या हासिल करो और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ो,” लेकिन मोदी इस एकता को तोड़ने में लगे हैं।
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2019 के मुकाबले कांग्रेस कम सीटों पर लड़ रही
इस बार कांग्रेस पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 में कांग्रेस ने 147 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जबकि इस बार 44 सीटें घटाकर 103 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे गए हैं। महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में भाजपा ने 103, उद्धव गुट ने 89 और शरद पवार गुट ने 87 उम्मीदवार उतारे हैं।