बाबा की हत्या का होने से प्रकरण अत्यंत गंभीर व संवेदनशील प्रकृति का था, जिसे गंभीरता से लेते हुए उप पुलिस महानिरीक्षक शहडोल रेंज सविता सोहाने के द्वारा स्वयं के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को एसआईटी गठित कर जॉच करने हेतु निर्देशित किया गया था। उप पुलिस महानिरीक्षक शहडोल रेंज सविता सोहाने के द्वारा 10 किमी. पैदल चलकर स्वयं मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया था एवं राजेन्द्रग्राम व अमरकंटक में दो दिन कैम्प किया एवं संदेही बाबा बीरेन्द्र सिंह के आश्रम जा कर व संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ किया गया था, तथा दो-तीन बार आरोपी बीरेन्द्र सिंह के आश्रम का भी निरीक्षण किया गया था।
एएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान के द्वारा उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए बाबा के हत्यारे की गिरफ्तारी हेतु अति.पुलिस अधीक्षक अनूपपुर इसरार मन्सूरी के नेत्त्व में विषेष टीम गठित कर शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिये। जिस पर गठित विशेष टीम के द्वारा घटना का बरीकी से अध्ययन कर हर संभव पहलू पर गंभीरता से जॉच की गयी, आस पास के लोगो से पूछताछ एवं संदिग्ध व्यक्यिों को चिन्हित कर उनसे पूछताछ किया गया तथा अनुसंधान की वैज्ञानिक पद्धति का सहारा लेते हुए विवेचना प्रारंभ की गयी।
विवाद के बाद दबाया था गला
विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि बीरेन्द्र सिंह जो खडेश्वरी बाबा का परिचित था प्रायः खडेश्वरी बाबा से मिलने शिवदामा आश्रम आया करता था। दिनांक 7 अगस्त 2024 को भी बाबा से मिलने बाबा के आश्रम आया था। जहां किसी बात को लेकर बाबा और बीरेन्द्र सिंह के बीच वाद-विवाद हो गया। जिस पर बीरेन्द्र सिंह गुस्से में आ गया और आपना आपा खो बैठा और बाबा का गला जोर से दबा दिया, जिससे खडेश्वरी बाबा की मृत्यु हो गयी। चूंकि खडेश्वरी बाबा का शिवदामा आश्रम एकांत में था, जिसका फायदा उठाकर आरोपी बीरेन्द्र सिंह घटना स्थल से फरार हो गया। जिसे विशेष टीम के द्वारा आरोपी बीरेन्द्र सिंह को जमशेदपुर झारखण्ड से पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। अभिरक्षा में लेकर घटना के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपी के द्वारा अपना जुर्म स्वीकार कर लिया गया है।
इनका रहा सराहनीय योगदान
उक्त सम्पूर्ण कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान के निर्देशन, अति.पुलिस अधीक्षक अनूपपुर इसरार मन्सूरी के मार्गदर्शन, एसडीओपी पुष्पराजगढ नवीन तिवारी के नेतृत्व में थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम निरी. बीरेन्द्र बरकडे, थाना प्रभारी बिजुरी निरी. विकास सिंह, थाना प्रभारी जैतहरी निरी. पी.सी.कोल, थाना प्रभारी अमरकंटक निरी. कलीराम परते, उनि. सुमित कौशिक, उनि. मंगला दुबे, सउनि. सुरेश अहिरवार, प्रआर. राजेन्द्र यादव एवं सायबर सेल के प्रआर. राजेन्द्र अहिरवार, पंकज मिश्रा व राजेन्द्र केवट का सराहनीया योगदान रहा।