21 साल की ओज्सवी गुप्ता, जिसने JEE परीक्षा में 72वीं रैंक हासिल की थी, का लापता होना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। 15 सितंबर को लिखे गए अपने चार पृष्ठ के खत में उसने “Love You NIT” शब्दों के साथ समाज के कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, जिसमें मानसिक तनाव और भविष्य की चिंताओं का उल्लेख किया गया। इंदौर की रहने वाली ओज्सवी, जो एनआईटी त्रिची में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी, के लापता होने के बाद उसके पिता और तमिलनाडु पुलिस उसे तलाश कर रहे हैं। उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को ज्ञापन देकर ओज्सवी की खोज की मांग की है
यह कहानी 17 दिन से लापता ओजस्वी गुप्ता की है, जो इंदौर की मेधावी छात्रा हैं। उसने इंजीनियरिंग के बाद एक आईटी कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन एनआईटी त्रिची में पोस्ट ग्रेजुएशन करने का सपना देखा। नौकरी के साथ-साथ उसने जेईई की तैयारी की और 72वीं रैंक हासिल की, जिससे उसे एनआईटी में दाखिला मिला। अगस्त में कॉलेज जॉइन करने के बाद, उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया, लेकिन कुछ लोग इससे खुश नहीं थे। 15 सितंबर को उसे कॉलेज कैंपस से बाहर जाते हुए देखा गया, लेकिन वह वापस नहीं आई, जिससे उसकी तलाश शुरू की गई।
ओजस्वी के पिता, नरेश गुप्ता, 14 सितंबर की रात अपनी बेटी से आखिरी बार बात की थी, जब उसने बताया कि वह अच्छी है और उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बना दिया गया है। उसने यह भी कहा कि पढ़ाई के कारण वह दिन में नहीं पढ़ पा रही है और रात में पढ़ाई कर रही है। 15 सितंबर को जब नरेश ने ओजस्वी को कॉल किया, तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। उन्होंने सोचा कि शायद वह क्लास में होगी, लेकिन शाम को एनआईटी से उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी लापता है। इस पर नरेश ने तुरंत थाने में ओजस्वी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई, और तब से वे पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश कर रहे हैं।
आखिरी रात ओजस्वी के साथ हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने बताया कि वह रात तीन बजे तक उनके साथ पढ़ाई कर रही थी। सभी ने इसके बाद सोने का फैसला किया, लेकिन सुबह करीब सात बजे उठने पर देखा कि ओजस्वी अपने कमरे में नहीं थी। उन्होंने सोचा कि शायद वह कहीं बाहर गई होगी, लेकिन सुबह आठ बजे तक उसकी वापसी नहीं हुई। काफी देर तक उसका इंतज़ार करने के बाद, उन्होंने उसके कमरे में रखे बैग को चेक किया, जहां उन्हें चार पन्नों का एक नोट मिला। इस नोट में ओजस्वी ने मानसिक तनाव और क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद से हो रहे टॉर्चर के बारे में लिखा था।