रूस-यूक्रेन युद्ध: जेलेंस्की ने पुतिन को चौंकाया
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष अब और भी भयावह रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच लगातार भीषण हमले हो रहे हैं, और यूक्रेन ने रूस को उस तरह से जवाब दिया है, जैसा कि शायद ही किसी ने सोचा था। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अब वो कदम उठाया है, जिसके बारे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कभी कल्पना नहीं की होगी।
चेचन्या में यूक्रेन का ड्रोन हमला
यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए रूस के चेचन्या क्षेत्र में नेशनल गार्ड के एक महत्वपूर्ण परिसर पर हमला किया है। यह हमला रूस के बड़े पैमाने पर किए गए हवाई हमलों के बाद किया गया, जिसका उद्देश्य यूक्रेन की ओर से बढ़ते हमलों का प्रतिकार करना था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि एक ड्रोन ने चेचन्या की राजधानी ग्रोज्नी के आसमान में विस्फोट से पहले एक बड़ा धमाका किया। हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। यह हमला यूक्रेन की सीमा से लगभग 800 किलोमीटर दूर हुआ है।
चेचन्या के नेता रमजान कादिरोव ने पुष्टि की कि इस हमले में ड्रोन ने अखमत ग्रोज्नी पुलिस बटालियन से जुड़े एक स्थान को निशाना बनाया। उन्होंने यह भी बताया कि हवाई सुरक्षा बलों ने दो अन्य ड्रोन को भी मार गिराया है।
दक्षिणी रूस में यूक्रेन के ताबड़तोड़ हमले
यूक्रेन के हमले यहीं तक सीमित नहीं रहे। इससे पहले, दक्षिणी रूस के ओर्योल क्षेत्र में भी यूक्रेन ने ड्रोन से हमला किया था, जिसमें एक 9 साल के बच्चे की मौत हो गई और एक प्रमुख ईंधन डिपो में आग लग गई। यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने पुष्टि की कि यूक्रेनी ड्रोन ने रात के समय इस ईंधन डिपो को निशाना बनाया था। रूसी टेलीग्राम समाचार चैनलों और जनरल स्टाफ द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में धुएं के विशाल गुबार को देखा गया।
रूस की ओर से भी जवाबी हमले
इस दौरान, रूस ने भी यूक्रेन पर जबरदस्त हमले किए हैं। रूस ने अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर 93 क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें और लगभग 200 ड्रोन दागे हैं। इसके जवाब में, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस लाखों लोगों को आतंकित कर रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी यह दावा किया कि उसने यूक्रेन के महत्वपूर्ण ऊर्जा और ईंधन केंद्रों पर लंबी दूरी की सटीक मिसाइलों और ड्रोन से हमले किए हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का यह नया दौर दोनों देशों के लिए ही संकट और संघर्ष का प्रतीक बन चुका है, और भविष्य में इस संघर्ष के और भी गहरे होने की आशंका है।